कुछ दिनों पहले कोरोना महामारी से बचने के लिए देश और दुनिया में कोविल्डशील्ड के साथ कोवैक्सीन के टीके लगाये गये थ। अब इन वैक्सीन के साइड इफैक्ट को लेकर बहस छिड़ी हुई है। हाल में ही कोविशील्ड को लेकर जो दावे किये गये, उससे लोगों की टेंशन बढ़ गयी है। इतना ही नहीं, ब्रिटेन में तो इसको लेकर कोर्ट में मुकदमा भी दायर कर दिया गया। जहां कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनिका ने स्वीकार भी किया था कि उनकी वैक्सीन से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। अब ऐसा ही दावा भारत बायोटेक कंपनी की ‘कोवैक्सीन’ को लेकर किया जा रहा है। कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि कोवैक्सीन लगवाने के एक साल बाद लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे जा रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 1024 लोगों पर शोध किया गया। इनमें से 635 किशोर और 391 युवा थे। शोध में सामने आया कि कोवैक्सीन लगाने वाले 304 किशोरों (48%) में वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शन्स पाए गए। यही स्थिति 124 युवाओं में देखने के मिली। इस शोध में साइड इफेक्ट महिलाओं में भी देखने को मिले। गंभीर साइड इफेक्ट केवल 1% लोगों में ही पाया गया। इस स्टडी में कहा गया कि युवा और किशोर महिलाओं में थायरॉयड की दिक्कत ज्यादा देखी गई है। शोध के एक वर्ष बाद जब इन सभी से दोबारा संपर्क किया गया तो इन सबमें यह सब बीमारियां पहले से मौजूद थीं। कोवैक्सीन के जो साइड इफेक्ट हैं उनका पैटर्न बाकी के वैक्सीन से हुए साइड इफेक्ट से अलग है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार