बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच एक बार फिर से तकरार बढ़ गया है. दरअसल 28 मार्च को शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और कुल सचिवों की बैठक बुलाई थी. ऐसे में कुछ विश्वविद्यालय के कुलपति ने बैठक में शामिल होने के लिए राजभवन से अनुमति मांगी. राज भवन ने अनुमति नहीं दी और स्पष्ट निर्देश दिया की बैठक में कोई कुलपति शामिल नहीं होंगे. राज भवन की ओर से राज्यपाल के प्रधान सचिव ने पत्र जारी किया. इसके बाद 28 मार्च को शिक्षा विभाग की बैठक में कुलपति शामिल नहीं हुए जिसको लेकर शिक्षा विभाग ने तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुल सचिवों (रजिस्ट्रार) के वेतन पर रोक लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है.
बिहार में शिक्षा विभाग ने विवि के VC का वेतन रोका :शिक्षा विभाग की ओर से सचिव वैद्यनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और कुल सचिव को पत्र जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि इस बैठक में उपस्थित नहीं होने, विशेषकर लंबित परीक्षाओं के संबंध में उपस्थित होकर पूरा प्रतिवेदन नहीं देने, विभागीय लोक सेवकों को परीक्षा सही समय पर संचालन कराने एवं परीक्षा-फल प्रकाशित करने में सहयोग करने में विफल रहने के कारण क्यों नहीं आपके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की जाए.
”आपका इस बैठक में अनुपस्थित रहना एक गंभीर विषय है. इस पत्र के निर्गत की तिथि के दो दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण दें. तब तक आपका वेतन अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है. साथ ही आपके विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है.”– वैद्यनाथ यादव, सचिव शिक्षा विभाग
कार्रवाई करने के संकेत : शिक्षा विभाग द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण से कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव को अलग रखा गया है. पत्र में कहा गया है कि कंडिका-11 द्वारा किसी भी तरह के परीक्षा-कार्य से इंकार करने पर दण्ड का प्रावधान किया गया है. चूंकि परीक्षा कार्यों हेतु विश्वविद्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मी भी लोक- सेवक हैं. अतः परीक्षा कार्यों में लापरवाही बरतने या समुचित कर्तव्य निर्वहन में विफल रहने पर इंडियन पेनल कोड की धारा-166 एवं धारा-166 A के तहत कार्रवाई के भागी होंगे.
”परीक्षा कार्यों को लेकर बुलाई गई बैठक में सहयोग करने में विफल रहने के कारण क्यों नहीं आईपीसी की धारा 174, 175, 176, 179, 186 एवं धारा 187 के तहत आपके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की जाय?”– वैद्यनाथ यादव, सचिव शिक्षा विभाग
राज्यपाल की बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश : इधर शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालय के कुलपति का वेतन रोके जाने के बाद राज भवन ने 3 मार्च को विश्वविद्यालय के कुलपतियों की बैठक बुलाई है. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजकर राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित हो रही बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.