Jharkhand: कल्पना या अन्नपूर्णा – गांडेय का 68.26% मतदान किसको पहुंचायेगा नुकसान!

Kalpana or Annapurna - who will be harmed by Gandey's 68.26% voting?

लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण और झारखंड के दूसरे चरण में 63 प्रतिशत से अधिक का एक अच्छा-खासा मतदान हुआ है। लोकसभा की तीन सीटों के साथ सोमवार को गिरिडीह की गांडेय विधानसभा का भी उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में आश्चर्यजनक तरीके से 68.26% मतदान हुआ। चूंकि इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मैदान में खड़ी हैं। इसलिए इस मतदान प्रतिशत का महत्व विशेष है। ऐसा लग सकता है कि यह झामुमो और कल्पना सोरेन के पक्ष में हवा का असर है। इसलिए इतना अधिक प्रतिशत  मतदान हुआ। लेकिन क्या वाकई में ऐसा है।

इस 68.26% मतदान के कई मायने निकाले जा सकते हैं

  1. मतदाताओं ने कल्पना सोरेन को सर-माथे पर बिठाया और खुल कर मतदान किया, जिसकी सम्भावना अधिक हो सकती है।
  2. इंडी गठबंधन ही नहीं एनडीए गठबंधन समर्थकों ने भी उतने ही जी-जान से अपने प्रत्याशी के मतदान किया। यह भी सम्भव है।
  3. कल्पना सोरेन के पक्ष में गांडेय की जनता ने सारे भेद भुलाकर सहानुभूति लहर पर सवार होकर उनके पक्ष में मतदान किया है।
  4. इंडी गठबंधन और एनडीए समर्थक अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए एकजुट होकर घरों से निकले।
  5. मोदी लहर ने भी एक फैक्टर का काम किया है।

कारण कुछ भी हो सकता है। लेकिन असल कारण क्या था, इसका अंदाजा 4 जून को ही लगेगा जब चुनाव का परिणाम सामने आयेगा। लेकिन एक बात यहां याद रखना जरूरी है कि इस उपचुनाव में लगभव उतना प्रतिशत मतदान हुआ है जितना कि 2019 के विधानसभा चुनाव में हुआ था। जिस प्रतिशत के साथ इस बार मतदान हुआ है और अगर समर्थकों ने उसी प्रतिशत के अपने प्रत्याशियों के लिए मतदान किया है तब शायद यह कल्पना सोरेन के लिए बड़ा झटका हो सकता है। और अगर यह मतदान कल्पना सोरेन के पक्ष में हुआ है तो इस क्षेत्र के हिसाब से यह कोडरमा की लोकसभा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी के लिए झटका हो सकता है। क्योंकि तब इस क्षेत्र से उनके मतों का प्रतिशत कम हो सकता है।

2019 के गांडेय विधानसभा चुनाव पर भी नजर डालना जरूरी

गांडेय के चुनावी माहौल की समीक्षा करने से पहले 2019 में जब विधानसभा चुनाव हुआ था तब राजनीतिक दलों की स्थिति क्या थी, इसकी विवेचना भी कर लेनी चाहिए। 2019 के विधानसभा चुनाव में गांडेय क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति कुछ इस प्रकार थी-

  • डॉ सरफराज अहमद (झामुमो) 65,023
  • जय प्रकाश वर्मा (भाजपा) 56,168
  • अर्जुन बैठा (आजसू) 15,361
  • सुनील कुमार यादव (निर्दलीय) 9,900
  • कर्मिला टुडू (निर्दलीय ) 9,056
  • दिलीप कुमार वर्मा (जेवीएम-पी) 8,952
  • राजेश कुमार (सीपीआई(एमएल) 7,408
  • इन्तेखाब अंसारी (एआईएमआईएम ) 6,039
  • नोटा 3,734
  • ललिता रे (निर्दलीय) 2,076
  • अरुण प्रसाद वर्मा (निर्दलीय) 1,625

यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि उस चुनाव में भाजपा और आजसू अलग लड़े थे। अगर भाजपा और आजसू के ही मिले वोटों को जोड़ लिया जाये तो उस समय दोनों के साथ लड़ने की स्थिति में गांडेय सीट एनडीए के पास होती। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि वर्तमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम (पी) भी चुनाव लड़ी थी और उसने 9,056 वोट भी लाये थे। यह वोट भी पिछले वोट में बड़ा अंतर पैदा कर देता। तीन पार्टियों के संयुक्त वोटर्स भी उपचुनाव में अंतर पैदा कर सकते हैं। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यह उपचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो रहा है। गिरिडीह लोकसभा चुनाव में जिस भी पार्टी का वर्चस्व होगा, उसका सीधा असर भी गांडेय उपचुनाव पर पड़ेगा।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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