2005 से 2007 के बीच झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी के खिलाफ दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में जस्टिस विक्रमादित्य कमिटी की रिपोर्ट और जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय कमिटी की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाये। इसके साथ कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 20 अप्रैल निर्धारित की। विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार बहस में शामिल हुए थे।
झारखंड में अवैध नियुक्तियों का मामला लेकर शिव शंकर शर्मा हाई कोर्ट पहुंचे थे। उनके द्वारा दायर जनहित याचिका पर आज कोर्ट ने सुनवाई की। याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि 2005 से 2007 के बीच में विधानसभा में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी की गयी है। बता दें कि मामले की जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया गया। आयोग ने जांच कर वर्ष 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी। तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: पाला बदलते ही क्यों बदल जाते हैं नेताओं के सुर! सीता और जेपी ने भी तो यही किया!