ISRO ने रच दिया इतिहास, L-1 पॉइंट पर पहुंच कर स्थापित हो गया Aditya

ISRO created history, Aditya reached L-1 point and got established

ISRO ने 2024 के शुरुआत में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। 126 दिनों पहले सूर्य का अध्यययन करने के लिए भेजा गया Aditya-L1 धरती से 15 लाख किमी दूर L1 बिन्दु पर स्थापित हो गया है। बता दें कि 2 सितंबर 2023 को ISRO  ने आदित्य-एल1 को सूर्य का अध्ययन करने के लिए प्रक्षेपित किया था। 400 करोड़ रुपए का यह मिशन भारत ही नहीं, पूरे विश्व के सैटेलाइट्स को सौर तूफानों से भी बचाएगा। आदित्य मिशन की इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी है।

आदित्य एल-1 L1 प्वाइंट पर पहुंच सोलर हैलो ऑर्बिट (Solar Halo Orbit) में स्थापित हो चुका है। अब आदित्य सूरज का अध्ययन करेगा और वहां से जो डाटा धरती पर भेजेगा उसका अध्ययन ISRO करेगा। आदित्य NASA के 4 अन्य सैटेलाइट्स के समूह में शामिल हो चुका है।

वैसे देखा जाये तो 2024 के शुरुआत में भारत के साथ पूरी दुनिया की निगाहें इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 पर लगी हुई थीं। 2023 में चन्द्रयान 3 की सफलता के बाद 23 सितम्बर को सूर्य का अध्ययन करने के आदित्य एल-1 अपने सफर पर निकला था। 126 दिनों के सफर तय करने के बाद 6 जनवरी को इसके एल-1 विन्दु पर पहुंचा है… आदित्य एल-1 इसरो का एक महत्वाकांक्षी मिशन है। अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचने के बाद एल1 के चारों ओर आदित्य पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी की दूरी पर रहते हुए परिक्रमा करेगा और डाटा एकत्र करेगा। आदित्य एल-1 जो डाटा एकत्र करेगा उसे धरती पर इसरो केन्द्र को भेजेगा। इसरो आदित्य एल-1 के भेजे गये डाटा से सूर्य के सौर वातावरण, सूर्य पर उठने वाले चुंबकीय तूफानों और उनका पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करेगा।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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