राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक को चौथी बार लौटा दिया है। राज्यपाल (CP Radhakrishnan) ने कहा है कि विधेयक में जो संशोधन का प्रस्ताव है, वह केंद्र के क्षेत्राधिकार में आता है। राज्य सरकार उसमें संशोधन नहीं कर सकती। इससे पूर्व राज्यपाल ने तीन बार झारखंड वित्त विधेयक-2022 आपत्ति के साथ लौटा दिया था।
राज्यपाल (CP Radhakrishnan) ने कहा है कि कस्टम बॉन्ड केंद्रीय सूची में आता है। इसे राज्य सरकार नहीं बदल सकती है। यह केंद्र के क्षेत्राधिकार का उल्लंघन होगा। राज्यपाल(CP Radhakrishnan) ने विधेयक की धारा 30 पर भी आपत्ति की है। राज्यपाल (CP Radhakrishnan) के अनुसार, इस धारा का प्रविधान देश के अटार्नी जनरल तथा इंडिया बार एक्ट से प्रभावित है।
विधेयक लौटाने से पूर्व राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल से राय भी ली थी। राज्यपाल ने विधेयक की धारा (26) में दिये गये प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कस्टम बांड केंद्रीय सूची में शामिल है। इसमें किसी तरह का बदलाव करना राज्य सरकार के अधिकार के बाहर है. इसी प्रकार राज्यपाल ने विधेयक की धारा (30) में दिये प्रावधान के बारे में कहा है कि यह देश के अटॉर्नी जनरल और इंडियन बार एक्ट से प्रभावित है। यह मामला अटॉर्नी जनरल, एडवोकेट तथा इंडिया बार काउंसिल से जुड़ा हुआ है। इससे जुड़े किसी भी प्रावधान को राज्य सरकार नहीं बदल सकती है। इसके अलावा राज्यपाल ने विधेयक की धारा (30) पर भी आपत्ति जतायी है। इसमें दिये प्रावधान को उन्होंने खारिज करते हुए कहा है कि यह भी केंद्र सरकार के अधिकार में हस्तक्षेप है।
न्यूज़ डेस्क /समाचार प्लस, झारखंड
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