Dumka Republic Day: CM Hemant Soren ने दुमका पुलिस लाइन में फहराया तिरंगा, कहा- राज्य मेरे लिए सर्वोपरि है, हमारी सरकार घर-घर तक पहुंची है

Dumka Republic Day

Dumka Republic Day: आज देश 75 वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह मना रहा है। वहीं, झारखंड के दुमका (Dumka) जिले के पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन  (Hemant Soren) ने तिरंगा झंडा फहराया और परेड को सलामी दी।

hemant soren republic day

कई कार्यक्रमों का किया जा रहा है आयोजन
सीएम हेमंत ने दुमका पुलिस लाइन मैदान में आयोजित राजकीय समारोह में पहुंचे। सीएम हेमंत सोरेन ने गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होकर प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी।

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बता दें कि दुमका पुलिस लाइन में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। इस आयोजन में करीब 1 दर्जन सरकारी विभागों की झांकियां भी निकाली जा रही है। इससे पहले बीते गुरुवार को दुमका एयरपोर्ट पर जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। वहीं, दुमका के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस के मौके पर हेमंत सरकार के मंत्री इसमें शामिल होंगे। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, पाकुड़ में तिरंगा फहरायेंगे। वहीं, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव लोहरदगा, सत्यानंद भोक्ता-चतरा, चंपई सोरेन- सरायकेला खरसांवा, जोबा मांझी -पश्चिम सिंहभूम, बन्ना गुप्ता- पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर, बादल पत्रलेख- गिरिडीह, मिथिलेश कुमार ठाकुर- गढ़वा, हफीजुल हसन- देवघर और बेबी देवी बोकारो में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगी।

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देश ने कैसे मनाया था पहला Republic Day
आज देश 75 वां गणतंत्र दिवस समारोह मना रहा है। देश में संविधान के लागू होने के बाद साल 1950 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राजकीय समारोह में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने परेड की सलामी ली थी। उन्हें उस वक्त सुबह के 10:30 बजे 31 तोपों की सलामी दी गई थी। इसके बाद दरबार हॉल में भी गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया था। पहले गणतंत्र दिवस पर आयोजित की गई परेड में नेवी, आर्मी, और एयरफोर्स के जवानों ने ऐसी धुन बजाई थी जिसे सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए थे। इस मौके पर लाखों भारतीय लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और देश के लोगों ने गुलामी के कालों दिनों को भूलकर नए भारत की इबारत लिखने का प्रण लिया था जहां सबके लिए बराबरी और सम्मान जैसे मूल तत्वों को अपनाने का फैसला लिया गया था।