प्रिय तेजस्वी जी! आपके ‘आदरणीय’ पिता को जेल में भाजपा ने नहीं डाला था, तब तो…

Dear Tejashwi ji! Your ‘respected’ father was not put in jail by BJP.

प्रिय तेजस्वी यादव जी, आप रांची में झामुमो के उलगुलान महारैली में रांची आये और जनसमूह को सम्बोधित किया। चुनावी माहौल में आपने सत्ता पक्ष पर जोरदार हमला भी किया, उचित है। आपने कहा भाजपा को भगाना है, देश को बचाना है, उचित है। भाजपा को भगाओ, देश का संविधान, लोकतंत्र बचाओ भी कहा, उचित है। आपने कहा झारखंड और दिल्ली में अच्छा काम चल रहा था, उचित है। आपने कहा, मोदी ने ईडी, आईटी और सीबीआई लगा दिया, नेताओं को जेल में डाल दिया गया, चलिये यह भी उचित है। मगर आपने कहा कि पूर्व में मेरे पिता को भी जेल में डाला। उनके ऊपर भी केस लगाया गया, बस यह उचित नहीं है। चारा घोटाला को लेकर आपके पिता पर भाजपा के राज्य में कार्रवाई नहीं हुई, वह उनके राज्य में भी जेल नहीं गये। यह तो उन लोगों का कारनामा है जिनके साथ आज आप गलबहियां कर रहे हैं। गनीमत है, जिस समय यह बात आपने कही, उस समय मल्लिकार्जुन खड़गे मंच पर नहीं थे। या राहुल गांधी किसी कारण से रांची नहीं आ सके, नहीं तो आपके इस कथन पर उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है। हो सकता है जिस समय आपके पिता के साथ जो घटनाएं हुईं उस समय आप छोटे होंगे। इसलिए चारा घोटाले का संक्षेप में घटनाक्रम आपके लिए यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। उम्मीद है, आगे इन तथ्यों पर आप अवश्य ध्यान देंगे।

चारा घोटाले का घटनाक्रम
  • गैर भाजपा शासन
  • 27 जनवरी 1996: पशुओं के चारा घोटाले के रूप में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की लूट सामने आयी। चाईबासा ट्रेजरी से इसके लियेगलत तरीके से 37.6 करोड़ रुपए निकाले गये थे।
  • 11 मार्च 1996: पटना उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले की जाँच के लिये सीबीआई को निर्देश दिये।
  • 19 मार्च 1996: उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश की पुष्टि करते हुए हाईकोर्ट की बैंच को निगरानी करने को कहा।
  • 27 जुलाई 1997: सीबीआई ने मामले में राजद सुप्रीमो पर फंदा कसा।
  • 30 जुलाई 1997: लालू प्रसाद ने सीबीआई अदालत के समक्ष समर्पण किया।

भाजपा का शासन काल

19 अगस्त 1998: लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की आय से अधिक की सम्पत्ति का मामला दर्ज कराया गया।

  • गैर भाजपा शासन काल
  • 4 अप्रैल 2000: लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप पत्र दर्ज हुआ और राबड़ी देवी को सह-आरोपी बनाया गया।
  • 5 अप्रैल 2000: लालू प्रसाद और राबड़ी देवी का समर्पण, राबड़ी देवी को मिली जमानत।
  • 9 जून 2000: अदालत में लालू प्रसाद के खिलाफ आरोप तय किये।
  • अक्टूबर 2001: सुप्रीम कोर्ट ने झारखण्ड के अलग राज्य बनने के बाद मामले को नये राज्य में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद लालू ने झारखण्ड में आत्मसमर्पण किया।
  • 18 दिसम्बर 2006: लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में क्लीन चिट दी।
  • 2000 से 2012 तक: मामले में करीब 350 लोगों की गवाही हुई। इस दौरान मामले के कई गवाहों की भी मौत हो गयी।
  • 17 मई 2012: सीबीआई की विशेष अदालत में लालू यादव पर इस मामले में कुछ नये आरोप तय किये। इसमें दिसम्बर 1995 और जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी पूर्ण निकासी भी शामिल है।
  • 17 सितम्बर 2013: चारा घोटाला मामले में रांची की विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा।
  • 30 सितम्बर 2013: चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव दोषी करार।

भाजपा का शासन काल

  • 6 जनवरी 2018: को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
  • 24 जनवरी 2018 : न्यायालय ने तीसरे मामले में निर्णय सुनाया। लालू यादव को 5 वर्ष का कारावास और 10 लाख के अर्थदण्ड की सजा सुनायी गयी। इस प्रकार इन तीन निर्णयों में कुल मिलाकर साढ़े तेरह वर्ष का कारावास की सजा तय हुई है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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