भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ के अभियान में एक सीट अभी ही हाथ लग गयी है। दरअसल, मतदान से पहले ही भाजपा ने सूरत लोकसभा सीट जीत ली है। यहां से भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं। इस सीट कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने नामांकन किया था और दोनों के ही नामांकन रद्द कर दिये। बाकी बचे 8 अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार प्यारेलाल भारतीय ने भी नामांकन वापस लिया। जिलाधिकारी ने अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। आधिकारिक घोषणा के बाद दलाल की जीत पक्की हो जाएगी।
क्यों हुए कांग्रेस उम्मीदवारों के नामांकन रद्द?
सूरत लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। कांग्रेस ने निलेश कुम्भानी को उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने नामांकन के समय बहनोई जगदीश सावलिया, भांजे ध्रुविन धामेलिया और एक सहयोगी रमेश पोलरा को प्रस्तावक बनाया था। तीनों ने रविवार को चुनाव अधिकारी के सामने हलफमाना पेश कर कहा कि कुम्भानी के नामांकन पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके बाद से तीनों गायब हैं। चुनाव अधिकारी ने कुम्भानी को प्रस्तावकों को पेश करने का एक दिन का समय दिया था।
प्रस्तावकों के अपहरण का आरोप
इस घटना के बाद कांग्रेस ने उम्मीदवार कुम्भानी के प्रस्तावकों के अपहरण का आरोप लगाया है। सोमवार को कुम्भानी अपने वकील के साथ चुनाव अधिकारी के समक्ष पहुंचे, लेकिन वहां कोई प्रस्तावक नहीं आया। कांग्रेस नेता बाबू मांगुकिया ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार की धमकी के कारण यो तो सभी डरे हुए हैं या फिर प्रस्तावकों का अपहरण किया गया है।
कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार का भी नामांकन रद्द
कुम्भानी का नामांकन रद्द होने का अनुमान शायद कांग्रेस को पहले से था, इसलिए उसने सूरत सीट पर सुरेश पडसाला को वैकल्पिक उम्मीदवार के रूप में उतारा था। लेकिन उनका भी नामांकन रद्द कर दिया गया है। कांग्रेस का दावा है कि कुम्भानी जैसे ही कारण बताकर पडसाला का नामांकन भी रद्द कर दिया गया।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: प्रिय तेजस्वी जी! आपके ‘आदरणीय’ पिता को जेल में भाजपा ने नहीं डाला था, तब तो…