झारखंड बिजली बोर्ड में बीआईटी, एमआईटी की डिग्री ‘यूजलेस’, प्रोमोशन देने से इनकार!

बीआईटी मेसरा, बीआईटी सिंदरी, एमआईटी भागलपुर, एमआईटी वारंगल तकनीकी डिग्रियां देने वाले ये देश के नामी संस्थान हैं। इनकी डिग्रियों की मान्यता देशभर में है। लेकिन झारखंड में एक ऐसा भी विभाग है जहां, इनकी डिग्रियों की कोई ‘वैल्यू’ नहीं है। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा, क्योंकि इन संस्थानों की डिग्रियों के बल पर प्रोमोशन नहीं मिल रहा है।

ताजा मामला यह है कि झारखंड बिजली बोर्ड ने 64 पदों का सृजन किया है। इनमें कार्यकारी निदेशक के 3 पद, जीएम तकनीक के 11 पद, जीएम (सीजीआरएफ) के 11 पद, डीजीएम तकनीक के 19 पद, डीजीएम (सीजीआरएफ) के 19 पद और डीजीएम एचआर के 2 पद शामिल हैं। इन पदों के लिए विज्ञापन में दी गयी योग्यता के आधार पर बोर्ड के इंजीनियरों की प्रोन्नति होनी है। लेकिन अब उनकी डिग्रियां उनके प्रोमोशन के आड़े आ रही हैं। बोर्ड उन्हें स्वीकार नहीं कर रहा है। बोर्ड के अनुसार, इन सभी पदों के लिए डीपीसी होनी चाहिए। जानकारी के अनुसार, डीपीसी में इन इंजीनियरों को शामिल नहीं किया गया है।

दरअसल यहां पर दो मामले हैं। एक मामला है पोस्टिंग का और दूसरा मामला है डिग्री का। 2009 में दो दर्जन इंजीनियरों की बिजली बोर्ड ने बहाली की थी। इनमें से कुछ की ज्वाइनिंग 2009 में हो गयी थी। जिनकी ज्वाइनिंग 2009 में हो गयी थी, उन्हें प्रोन्नति दे दी गयी। लेकिन कुछ इंजीनियरों की ज्वाइनिंग अगस्त, 2011 में हुई। इन्हीं इंजीनियरों का प्रोमोशन अधर में लटक गया है। इन्हीं इंजीनियरों में बीआईटी और एआईटी के डिग्रीधारी शामिल हैं। बिजली बोर्ड को इनकी डिग्रियों पर आपत्ति यह है कि डिग्री इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की होनी चाहिए जबकि इनकी डिग्रियों पर इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स दर्ज है। इसी को मानने से बिजली बोर्ड इनकार कर रहा है। अब ये डिग्रीधारी अपने संस्थानों में जाकर वहां से शपथ पत्र लेकर आ रहे हैं कि दोनों डिग्रियां एक ही हैं। फिर भी बोर्ड उन्हें मानने में आनाकानी कर रहा है।

दूसरा पेंच यह है कि झारखंड बिजली बोर्ड ने प्रोमोशन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। बोर्ड का कहना है कि 1 अगस्, 2011 को ज्वाइनिंग के कारण इनकी कालावधि पूरी नहीं हो रही है। क्योंकि अदालत के फैसले के अनुसार, प्रोमोशन के लिए ज्वाइनिंग 21 नवम्बर, 2009 होनी चाहिए।

अब सारा मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आ चुका है। सरकार ने बोर्ड के अधिकारियों को तलब किया है, ताकि सारी स्थिति स्पष्ट हो सके।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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