Bihar: पाला बदलेंगे नीतीश, 9वीं बार सिर पर सजेगा सीएम का सेहरा, भाजपा से फिर दोस्ती, 28 जनवरी को शपथ!

Bihar: Nitish will change sides, will be crowned CM for the 9th time

बिहार के नीतीश कुमार का एक बार फिर पाला बदलना लगभग तय हो गया है। खबरों के अनुसार 28 जनवरी को नीतीश कुमार एक बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। बता दें अगर ऐसा होता है तो यह नीतीश कुमार का सीएम के रूप में नौंवा शपथ-ग्रहण होगा। आइये पहले देखते हैं कि नीतीश इससे पहले कब-कब सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।

  1. 03 मार्च 2000 को। बहुमत नहीं रहने के कारण मात्र सात दिन बाद ही सरकार गिर गई थी।
  2. 24 नवंबर 2005 को। मुख्यमंत्री के रूप में उनका यह कार्यकाल 24 नवंबर 2010 तक चला।
  3. 26 नवंबर 2010 को। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की जबरदस्त हार के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
  4. 22 फरवरी 2015 को फिर एक बार शपथ ली।
  5. 20 नवंबर 2015 को। राजद के साथ गठबंधन कर शानदार जीत दर्ज कर सरकार बनायी।
  6. 27 जुलाई 2017 को नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए।
  7. 16 नवंबर 2020 को। भाजपा के साथ शानदार जीत हासिल कर सीएम की कुर्सी पर बैठे।
  8. 10 अगस्त 2022 को। नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़कर राजद के साथ फिर एक बार सरकार बनायी।
  9. 28 जनवरी 2024 (सीएम पद की शपथ लेने की सम्भावित तिथि)

बिहार में जो सियासी हलचल चल रही है उसका मजमून यही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। इस बार अपने पुराने साथी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनायेंगे। राजद के साथ बढ़ी तल्खियों के कारण नीतीश कुमार का महागठबंधन में रहना मुश्किल हो गया था। इसके बाद भाजपा ने अपने रुख में थोड़ी नरमी दिखाते हुए नीतीश के लिए अपने बंद दरवाजे जब खोलने शुरू किये तब बिहार में एक बार फिर सरकार के बदलने की कवायद भी शुरू हो गयी। अब नीतीश का भाजपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में जाना लगभग तय हो गया है। खबरों के अनुसार माना यही जा रहा है कि नीतीश 28 जनवरी को 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेंगे।

नीतीश कुमार ने कार्यक्रम को रद्द कर दिया था संकेत

राजद के साथ रहते हुए बिहार सरकार के जितने भी कार्यक्रम प्रस्तावित थे उनको नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया है। बता दें कि 28 जनवरी को पटना में महाराणा प्रताप रैली होनी थी, यह रैली अब नहीं होगी। कांग्रेस के राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बिहार में आने के बाद इंडी गठबंधन दल के नेता उसमें सम्मिलित होने वाले थे, लेकिन नीतीश कुमार ने गुरुवार को ही स्पष्ट कर दिया कि वह राहुल की रैली में शामिल नहीं होंगे। कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी की तारीफ कर और लालू यादव पर परिवारवाद का हमला बोलकर भी नीतीश ने बहुत कुछ स्पष्ट कर दिया था। नीतीश झारखंड दौरे पर भी आने वाले थे, लेकिन उन्होंने यह दौरा भी रद्द कर दिया।  शुक्रवार को गणतंत्र दिवस का समारोह बिहार में भी धूमधाम से मनाया गया। सभी दलों के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस बीच नीतीश कुमार ने जदयू के सभी विधायकों के लिए निर्देश जारी कर दिये कि वे जल्द से जल्द पटना लौट आयें।

जारी है ताबड़तोड़ बैठकों का दौर

जदयू, राजद, प्रदेश भाजपा के साथ भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की भी ताबड़तोड़ बैठकें जारी हैं। गुरुवार राज बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली पहुंचे थे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जो केरल दौरे पर जाने वाले थे, उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है। शाह के आवास पर भाजपा आलाकमान ने बिहार के नेताओं के साथ बैठक की है। इसमें नड्डा, भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, सम्राट चौधरी, बिहार के प्रदेश संगठन महासचिव भीखूभाई दलसानिया, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और रेणु देवी के साथ कुछ अन्य नेता भी शामिल हुए। बैठक में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नीतीश को मुख्यमंत्री बनाए रखने पर सहमत हो चुका है। चूंकि एनडीए का पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव और अगले साल 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व कोई अतिरिक्त जोखिम नहीं लेना चाहता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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