जमुई: परीक्षा में पास करने की अजीबो-गरीब अपील, किसी ने लिखा पिता की डेथ हो गई है पढ़ नही सके,किसी ने लिखा गरीब होने के कारण अच्छे अस्पताल में इलाज नही हो पाया,किसी तो प्यार के ही परिभाषा लिख दिया…
जमुई,बिहार में नकल रोकने के कड़े बंदोबस्त के बीच इंटरमीडिएट की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी है और अब कॉपियों को जांचने का काम किया जा रहा है।लेकिन कॉपियों की चेकिंग के दौरान परीक्षकों को रोजाना अजीबो-गरीब संदेश मिल रहे हैं। कॉपी चेकिंग के दौरान को मां की बीमारी तो कोई पिता की मौत तो कोई शादी नही होने के मैसेज कॉपियो में लिख कर दे रहे है। इसके अलावा और भी कई तरीके के इमोशनल मैसेज लिख रहे है। अब छात्रों की यह उत्तर पुस्तिका सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
ऐसा ही हैरान करने वाला मामला जमुई में भी सामने आया है।जहां कॉपी चेकिंग के दौरान पाया गया कि एक स्टूडेंट ने फिजिक्स की उत्तर पुस्तिका में लिखा है “हम जानते हैं प्यार जल्दी नहीं होता लेकिन होता है तो बहुत जबरदस्त होता है”इस छात्र ने प्यार की परिभाषा देकर पास करने की गुहार लगाई।
वहीं, एक स्टूडेंट ने इमोशनल मैसेज में लिखा,
” हेलो
मेम या सर
मैं ज्योति सर प्लीज मेरी बातों को समझने की कोशिश कीजिएगा, क्योंकि मेरा यह बोलना बहुत जरूरी है।मुझे पता है कि आप सबको मेरी बातों पर यकीन नहीं होगा सर, मेरे पापा डेथ कर गए हैं।10 दिन हुआ है और मेरी कुछ पढ़ाई नहीं हुई और ऊपर से तबीयत भी ठीक नहीं है,फिर भी एग्जाम देने आई,प्लीज सर नंबर दे दीजिएगा ,प्लीज सर मेरी कंडीशन बहुत खराब है। मुझे आशा है कि आप समझेंगे सर”दरअसल जमुई में भी दो केंद्रों पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्हीं में से एक पर ये उत्तर पुस्तिका देखने को मिला है। जिसमें एक स्टूडेंट ने लिखा की “सर मैं बहुत परेशान हूं,सर मेरी तबीयत खराब होने के चलते मैं पढ़ नहीं पाई और मैं बहुत गरीब हूं। इसलिए मेरी मां अच्छे हॉस्पिटल में भर्ती नहीं कर पाया।जिससे मैं अच्छे से ठीक नहीं हो पाई।इसलिए आपसे नभ्र निवेदन है प्लीज सर मुझे आप 80 प्लस मार्श दे दीजिएगा।
थैंक यू सर”
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह बताते हैं कि इस तरीके की कॉपियां हमको भी जांच करने के दौरान मिली है। उन्होंने बताया कि बच्चों को समझ नहीं आता है मानसिकता उसकी यही है की कॉपी में हम भर दिन नंबर हमको मिल जाएगा जो हम लोग समझते हैं, बच्चे अनुरोध करते हैं सर पास कर दीजिएगा इस बार शादी होना है।
वही प्रोफेसर अनु कुमारी बताते हैं कि इस तरह की कॉपियां हमको भी जांच के दौरान मिली है,लेकिन कुछ अच्छे और उम्दा कॉपी भी मिली है।कुछ कॉपियां ऐसी भी मिली है जिसमें बच्चे भावनात्मक रूप से कहीं ना कहीं शिक्षक से जुड़े होते हैं, जिसके कारण वह लिख देते हैं ” प्लीज सर हेल्प मी, पास कर दीजिएगा या किसी प्रकार से हमारी मदद करने की कोशिश कीजिएगा” उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं मोटिवेशन की थोड़ी सी कमी होती है।
स्टूडेंट के द्वारा अनुरोध करने के पास कर दीजिएगा सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की कोई रिएक्शन या प्रतिक्रिया देना किसी भी शिक्षक के लिए संभव नहीं हो पता है क्योंकि हम एक नियमवृद्ध तरीके से जुड़े होते हैं मूल्यांकन में उसे नियम का पालन करते हैं।
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