झारखवड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स प्रबंधन पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रिम्स में आवश्यक दवाएं लंबे समय से उपलब्ध नहीं हैं। इसके कारण गरीब मरीजों को निजी दुकानों से महंगे दामों पर दवाएं खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि ये वही दुकानें हैं जो रिम्स के ठीक पास स्थित हैं और कुछ साल पहले ही खुली हैं। ऐसा लगता है कि रिम्स में जानबूझकर दवाओं की कमी की जा रही है ताकि मरीज इन निजी दुकानों की ओर रुख करें। रिम्स प्रबंधन और निजी दवा दुकानदारों के संगठित मेडिकल माफिया तंत्र को सरकार का भी संरक्षण प्राप्त है। जब सरकारी अस्पतालों में दवा ही नहीं होगी, तो आम आदमी कहां जाएगा? सरकार को मेडिकल माफियाओं पर लगाम कसनी होगी ताकि रिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की साख बची रहे।
न्यूज डेस्क/समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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