Hemant Soren Arvind Kejriwal: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था, तब तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनकी गिरफ्तारी को गलत ठहराया था। ऐसा शायद उन्हें आगे और भी करना होंगा। ऐसा इसलिए कि अगर सीएम स्टालिन को यह लगता है कि यह सारा कुछ केन्द्र सरकार के इशारे पर हो रहा है तो जाहिर है अभी और कई मुख्यमंत्री भी जांच की जद में होंगे। ऐसा है भी ईडी की जद में देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री हैं। इन नामों में हाल में तेलंगाना में सीएम बने रेवंत रेड्डी का भी नाम शामिल है। मगर जैसी राजनीतिक सरगर्मी चल रही है, उसमें हेमंत सोरेन के बाद सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। दिल्ली के सीएम के लिए सबसे ताजा खबर तो यह है कि उन्होंने ईडी का पांचवां समन ठुकराते हुए पूछताछ में शामिल होने से इनकार कर दिया है। अरविन्द केजरीवाल पर दिल्ली के उत्पाद मामले में हुए घोटालों पर पूछताछ होनी है। जबकि इसी मामले में उनके कई मंत्री और एक सांसद जेल की सलाखों के पीछे हैं। तो इससे भी अरविन्द केजरीवाल के आगे आये खतरों को समझा जा सकता है। यहां यह बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने से पहले 10 नोटिस भेजे गये थे जबकि अरविंद केजरीवाल को अभी 5 नोटिस मिल चुके हैं। जाहिर है अरविंद केजरीवाल भी अब अपनी गिरफ्तारी से बचने के उपायों में लगे होंगे। बता दें कि दिल्ली शराब नीति केस को लेकर ईडी का आरोप है कि यहां करीब 100 करोड़ का घोटाला हुआ है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी भी ईडी के रडार पर हैं। तेलंगाना में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री बने रेवंत रेड्डी के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। रेवंत रेड्डी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप तब लगा था, जब वह आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी में हुआ करते थे। रेवंत रेड्डी पर 2015 में एमएलसी चुनाव के दौरान पक्ष में वोट देने के लिए एक विधायक को 50 लाख रुपये की कथित तौर पर रिश्वत देने का आरोप है। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन के खिलाफ मामला कनाडा की एक फर्म को हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का ठेका देने में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा है। सीबीआई ने इस मामले में 1995 में चार्जशीट फाइल की थी। जबकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर न सिर्फ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं बल्कि केंद्र में यूपीए की सरकार रहते हुए उन्हें कई महीने जेल में भी गुजारने पड़े थे। 2015 में जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ ईडी ने उनकी कंपनी भारती सीमेंट में वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर मामला दर्ज किया था।
कई और चर्चित चहेरे भी हैं जांच एजेंसियों के रडार पर
देश के कई राज्यों के कई और चर्चित राजनेता भी हैं जो जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। बिहार में सत्ता गंवाने वाले पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को कई घंटे ईडी दफ्तर में गुजारने पड़े। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले में मुख्य आरोपी हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट और खनन केस में ठेका देने के मामले में ईडी की जांच के दायरे में आ चुके हैं। ईडी की हिट लिस्ट में राहुल गांधी और सोनिया गांधी तो हैं ही, जिन पर नेशनल हेराल्ड प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी लंबी पूछताछ कर चुके हैं । इस प्रकरण में राहुल गांधी पर गिरफ्तारी की भी संभावना बन चुकी थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर मानेसर लैंड डील और AJL केस में ईडी की जांच चल रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल भी मनी लॉन्ड्रिंग के तीन मामलों में जांच फेस कर रहे हैं। राजस्थान एंबुलेंस स्कैम केस में तो राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ साथ डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट और कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम का नाम भी शामिल है। यानी जांच एजेंसियों की लिस्ट में देश के ढेरों बड़े राजनीतिक चेहरे ईडी के रडार पर हैं। अब देखते रहिए कब किस पर गाज गिरती है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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