झारखंड के अधिवक्ताओं को अब मिलेगी पेंशन, 5 लाख का Health Insurance भी कराएगी हेमंत सरकार

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रांची. झारखंड सरकार की कैबिनेट की बैठक में 63 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. इनमें से एक विशेष निर्णय वकीलों को पेंशन देने का है, जिससे झारखंड देश का पहला राज्य बनेगा जो वकीलों को पेंशन प्रदान करेगा. कैबिनेट ने वकीलों के लिए तीन प्रमुख फैसले किए हैं, जिसमें वकीलों को पेंशन, अधिवक्ता कल्याण कोष, और अधिवक्ता कल्याण न्यास निधि समिति से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.

14 हजार रुपए पेंशन
झारखंड सरकार ने 65 साल से अधिक उम्र के उन वकीलों के लिए, जिन्होंने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है, हर महीने सात हजार रुपए की पेंशन की मंजूरी दी है. पहले ये वकील अधिवक्ता कल्याण कोष से सात हजार रुपए प्राप्त करते थे, लेकिन अब उन्हें कुल 14 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. यह व्यवस्था इस वित्तीय वर्ष से लागू होगी. इसके लिए झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास समिति को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.60 करोड़ रुपए का अनुदान मंजूर किया गया है.

 5 हजार रुपए स्टाइपेंड
नए वकीलों को पहले तीन साल तक स्टाइपेंड के रूप में अधिवक्ता कल्याण कोष से प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलते थे, जो अब बढ़ाकर पांच हजार रुपए किए जाएंगे. इनमें ढाई हजार रुपए सरकार की ओर से मिलेंगे. इसके लिए भी सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपए के अनुदान भुगतान की मंजूरी दी है.

5 लाख रुपए का चिकित्सा बीमा
इसके अतिरिक्त, राज्य के 30 हजार से अधिक वकीलों के लिए पांच लाख रुपए का चिकित्सा बीमा भी होगा. इसके लिए 6000 रुपए का प्रीमियम सरकार अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास को देगी. इस प्रीमियम के भुगतान के लिए भी करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जो वकीलों को पेंशन प्रदान करेगा.

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