केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरी दर में संशोधन को लेकर लेटेस्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। देशभर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाले मजदूरों को अब पहले के मुकाबले प्रतिदिन के हिसाब से ज्यादा मजदूरी मिलेगी। सरकार ने मनरेगा मजदूरी दर में 3 से 10 फीसदी तक का इजाफा कर दिया है। पूरे भारत में औसत मनरेगा मजदूरी बढ़ोतरी 28 रुपये प्रति दिन है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए औसत वेतन 289 रुपये होगा जबकि वित्त वर्ष 23-24 के लिए 261 रुपये है।
चुनाव आयोग से ली थी परमिशन
आपको बता दें, मनरेगा योजना का संचालन करने वाले ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हाल ही में संशोधित मजदूरी दरों को नोटिफाई करने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति हासिल की थी, क्योंकि आगामी आम चुनावों के लिए देश भर में आदर्श आचार संहिता पहले से ही लागू है। मौजूदा समय में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की मजदूरी सीपीआई-एएल (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक- कृषि श्रम) में बदलाव के आधार पर तय की जाती है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति को दर्शाती है।
कहां सबसे ज्यादा और कहां सबसे कम बढ़ोतरी
सरकार के इस नोटिफिकेशन से पता चलता है कि हरियाणा में प्रतिदिन अधिकतम 374 रुपये मजदूरी मिलेगी। सबसे कम अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के लिए 234 रुपये प्रतिदिन तय किया गया है। गोवा (10.56 प्रतिशत) और कर्नाटक (10.4 प्रतिशत) में सबसे अधिक प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। जबकि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मजदूरी दरों में सिर्फ 3 प्रतिशत की सबसे कम बढ़ोतरी की गई है। आंध्र प्रदेश (10.29%), तेलंगाना (10.29%) और छत्तीसगढ़ (9.95%) में जोरदार प्रतिशत वृद्धि हुई है।
केंद्र ने केंद्रीय बजट 2024-25 में मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये अलॉट किए थे। यह चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा के संशोधित अनुमान के बराबर था। केंद्र की अधिसूचित मजदूरी दरों के अलावा, राज्य भी लाभार्थियों के लिए इस लेवल से अधिक मजदूरी दर प्रदान कर सकते हैं।