Model Code Of Conduct : कल से लागू होगी आचार संहिता, जानें आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर

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चुनाव आयोग ने कल लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर देने की घोषणा की है। चुनाव आयोग के मुताबिक आम चुनाव के साथ ही कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान शनिवार दोपहर करीब 3 बजे किया जाएगा. चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी. मुख्‍य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार आचार संहिता के लागू होने की घोषणा करेंगे.

क्या है आदर्श आचार संहिता

आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए एक  गाइडलाइंस है.  इसके तहत, कुछ नियम हैं जिनका राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को पालन करना अनिवार्य हैं. उल्लंघन की स्थिति में चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया है.

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आम नागरिकों पर भी पड़ता है असर 

चुनाव आचार संहिता लागू (Model Code Of Conduct) होने के बाद कई गतिविधियों पर रोक लग जाती है. यह सिर्फ प्रत्याशी, राजनीतिक दल या राजनेताओं के लिए ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी होती हैं. आचार संहिता लगे रहने के दौरान कुछ चीजों पर रोक लगा दी जाती है, साथ ही इसके तहत राजनेताओं को गाइडलाइन दिया जाता है कि उन्हें क्या करना है, क्या नहीं. आचार संहिता प्रभावी होने पर कई पाबंदियां लागू हो जाते हैं, जो जनता को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है. इनमें से कुछ प्रमुख पाबंदियों का उल्लेख यहां किया जा रहा है .

  • चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अफसर को किसी भी नेता या मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होती है. ऐसा करने पर उसके खिलाफ एक्शन हो सकता है.
  • सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर इफ्तार पार्टी या अन्य पार्टियों का आयोजन नहीं कराया जा सकता है. हालांकि अपने खर्च पर कोई भी नेता इस तरह के कार्यक्रम कर सकते हैं.
  • सत्ताधारी पार्टी के लिए सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है.
  • जिस योजना को हरी झंडी मिली है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ हो तो आचार संहिता लागू होने के बाद उस योजना पर काम शुरू  नहीं किया जा सकता है. विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं.
  • आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते और नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते. हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेंगे. BPL के पीले कार्ड नहीं बनाए जाएंगे.
  • कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं होगा. किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे. किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी.
  • इस दौरान बड़ी बिल्डिंगों को क्लियरेंस देने पर रोक रहती है.
  • आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है. इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं. अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है.
  • आचार संहिता लागू होने के बाद वह काम नहीं होंगे, जिनकी स्वीकृति तो मिल चुकी है लेकिन फंड जारी नहीं हुआ है. हालांकि पहले से जारी काम होते रहेंगे.
  • आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि के दौरान चुनाव संचालन से जुड़े सभी अधिकारियों -कर्मचारियों के स्थानातरण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लागू रहता है.
  • इस अवधि के दौरान आयोग की पूर्ण मंजूरी के बिना सरकारी / सार्वजनिक उपक्रमों में कोई नियुक्ति या पदोन्नति नहीं की जाएगी.
  • आचार संहिता के प्रभावी होने से आम आदमी से जुड़ी चीजों जैसे नई सड़क, पानी, स्वच्छता   इत्यादि से जुड़ी परियोजनाओं की घोषणा नहीं हो सकती है.

बता दें कि  चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता (Model Code Of Conduct) देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है.

न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार 

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