लोकसभा से तो पास हो गया वक्फ संशोधन बिल, राज्यसभा से पास कराना कितना मुश्किल?

लोकसभा से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के पास हो जाने के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में इसे पेश कर दिया है। अब राज्यसभा में इस पर चर्चा और बहस जारी है। चर्चा समाप्त होने के बाद इस पर वोटिंग होगी।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय किरेन रिजिजू ने कहा कि इस पर तार्किक और सार्थक चर्चा होनी चाहिए। कुछ सदस्यों का कहना है कि संयुक्त संसदीय समिति में जितनी चर्चा होना चाहिए थी, वह नहीं हुई लेकिन देशभर में सभी स्टेक होल्डर्स और धार्मिक संस्थाओं आदि से चर्चा के बाद इसे संसद में लाया गया। जेपीसी ने इस पर अत्यंत व्यापक काम किया। कुल मिलाकर 284 संगठनों, स्टेक होल्डर्स ने ज्ञापन दिया। एक करोड़ लोगों ने इस पर अपना मंतव्य दिया।

राज्यसभा में सरकार की क्या है स्थिति?

अब सवाल उठ रहा है कि लोकसभा से तो सरकार ने इस बिल को पास करवा लिया है। तो क्या वह राज्यसभा से भी इसे पास करवा पायेगी? तो बता दें कि मौजूदा सदस्यों की संख्या 236 है और बिल को पास कराने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की स्थिति राज्यसभा में भी अच्छी है। एनडीए के पास 236 सदस्यों वाले संसद के उच्च सदन में 125 सांसद हैं। भाजपा के 98, जेडी(यू) के चार, एनसीपी के 3, टीडीपी के दो और 6 मनोनीत सदस्यों सहित 125 सांसद हैं। यानी बिल पास कराने के लिहाज से एनडीए के पास राज्यसभा में भी बहुमत है। विपक्षी इंडी गठबंधन में 88 सांसद हैं, जिनमें कांग्रेस के 27 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्य हैं। अगर नवीन पटनायक की अगुआई वाली बीजेडी के 7 सांसद भी इंडी ब्लॉक के साथ आ जाते हैं, तो भी यह संख्या पर्याप्त नहीं होगी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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