कोरोना जैसी महा आपदा से अधूरी ताकत से लड़ा झारखंड? कैग की रिपोर्ट में सच्चाई आयी सामने!

केन्द्र सरकार से मिले थे 436.97 करोड़ रुपये, खर्च हुए सिर्फ 137.65 करोड़

केन्द्र और राज्य सरकारों (खासकर गैर भाजपा शासित राज्यों) को यह शिकायत रहती है कि विभिन्न योजनाओं के लिए केन्द्र फंड मुहैया नहीं कराती है। गुरुवार को भी झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने भी यह मुद्दा उठाया कि केन्द्र वृद्धा पेंशन का फंड राज्य सरकार को मुहैया नहीं करा रही है। मगर क्या ऐसा है कि केन्द्र सरकार राज्यों पर ध्यान नहीं दे रही है या फिर अपने ‘चहेते राज्यों’ पर ही उसकी कृपा बरस रही है। इन आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच कैग की रिपोर्ट कुछ और ही स्थिति बयां कर रही है।

झारखंड विधानसभा में गुरुवार को कैग (CAG) रिपोर्ट पेश की गयी थी। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इसे सदन पटल पर रखा। रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सोसाइटी (JRHMS) को कोविड प्रबंधन के लिए 436.97 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन 2019-20 से 2021-22 के बीच सिर्फ 137.65 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके। यानी कुल राशि का मात्र 32% ही उपयोग किया गया।

अब सवाल यह उठता है कि राज्य सरकार ने ऐसा क्यों किया। आप पिछले साल झारखंड विधानसभा चुनाव और उसके कुछ महीने पहले के सरकारी अभियानों में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगभग हर मंच पर यह कहते नजर आये कि उनकी सरकार बनने के बाद झारखंड में कोरोना आ गया, लेकिन उन्होंने अपने कुशल प्रबंधन से राज्य को मुश्किलों में पड़ने नहीं दिया। तो क्या यह मान लिया जाय कि झारखंड सरकार ने कोरोना प्रबंधन को लेकर जो राशि खर्च की उतनी ही झारखंड के लिए पर्याप्त थी? या फिर झारखंड को कोरोना काल में और भी बेहतर तरीके से सम्भाला जा सकता था? लोगों को याद होगा कोरोना काल के दिनों के अखबारों में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की कई कमियां उजागर हुई थीं। राज्य भर में कोरोना की जांच के लिए मशीनों की कमी का रोना रोया गया था। इतनी सारी कमियां थीं और पैसा हाथ में था तो फिर उन पर खर्च क्यों नहीं किया गया?

झारखंड सरकार की ही मानें तो कैग की रिपोर्ट कहती है, भारत सरकार ने कुल 483.54 करोड़ रुपये जारी किये थे। राज्य सरकार को 272.88 करोड़ रुपये देने थे, जिससे कुल 756.42 करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ। लेकिन, झारखंड सरकार ने केंद्र की 291.87 करोड़ और राज्य की 145.10 करोड़ राशि जारी की, जिससे कुल 436.97 करोड़ रुपये का ही उपयोग हुआ। रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त 2022 तक राज्य सरकार ने केंद्र का 191.67 करोड़ रुपये जारी ही नहीं किया।

विधानसभा के सदन पटल पर रखी गयी कैग रिपोर्ट में यह भी सच्चाई उजागह हुई कि गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने मार्च 2020 से दिसंबर 2021 के बीच 754.61 करोड़ रुपये जारी किये थे। लेकिन फरवरी 2022 तक सिर्फ 539.56 करोड़ रुपये का ही उपयोग हुआ। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि फंड का सही इस्तेमाल नहीं होने से कोविड-19 प्रबंधन प्रभावित हुआ।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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