राजस्व बकाये पर झारखंड की राजनीति, CM हेमंत सोरेन आये एक्शन मोड में

झारखंड के केन्द्र सरकार पर बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपयों का मामला काफी गर्म हो चुका है। इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरे एक्शन मोड में आ चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि झारखंडियों के हक में 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया राशि का एक-एक पैसा वापस लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस बकाये का विस्तृत ब्रेकअप केंद्र सरकार को कई बार दिया जा चुका है। फिर भी केंद्र सरकार के जरिये इसे लगातार नकारना हमारे अधिकारों पर किया जाने वाला एक कुंत्सित प्रयास है। ऐसा हम होने नहीं देंगे।

बता दें कि बिहार के पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जब लोकसभा में झारखंड के बकाया के बारे में वित्त मंत्रालय से सवाल किया गया तब मंत्रालय ने साफ शब्दों में लिखित जवाब देते हुए कहा कि झारखंड का कोई भी पैसा बकाया नहीं है। इसके बाद झारखंड की सियासत पूरी तरह से गर्म हो गयी है। यह खबर आने के बाद हेमंत सोरेन ने तो यहां तक कह दिया कि अब वह झारखंड से कोयले का एक ढेला भी बाहर नहीं जाने देंगे।

इसके बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर कहा है कि झारखंड भाजपा यदि इस मुद्दे पर हम झारखंडियों के साथ आवाज बुलंद नहीं करती है तो यह साफ माना जाएगा कि इस हकमारी में उनकी बराबर की सहभागिता है।

बता दें कि केंद्र सरकार पर झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार कर रहे हैं। और केन्द्र सरकार बार-बार किसी भी बकाये से इनकार कर रही है। राशि के दावे को केंद्र सरकार की तरफ से ठुकराए जाने से फिर एक बार राजनीति गरमा गयी है। केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के 1.36 लाख करोड रुपये बकाया वाले दावे को सिरे से नकार दिया है। कोल कंपनियों से 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया वसूली के लिए राज्य सरकार ने लीगल प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है। राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने आदेश जारी किया है। इसकेसाथ ही भू-राजस्व विभाग के विशेष सचिव को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। जो 15 दिनों विधिक कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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