नई दिल्ली: ट्रेन के एसी कोच में यात्रा के दौरान यात्रियों को मिलने वाला बेडरोल, जिसमें दो चादर, तकिया और कंबल शामिल होते हैं, की सफाई प्रक्रिया पर हाल ही में एक RTI के जरिए जानकारी सामने आई है। इस गारे में रेलवे ने बताया है कि हर यात्रा के बाद यात्रियों को दिए जाने वाले लिनन को धोया जाता है। वहीं, ऊन के कंबलों की सफाई महीने में कम से कम एक या दो बार की जाती है, जो उनकी उपलब्धता और लॉजिस्टिक्स पर निर्भर करता है। लंबी दूरी की ट्रेनों में काम करने वाले हाउसिंग स्टाफ के 20 सदस्यों ने बताया कि कंबलों को आमतौर पर महीने में केवल एक बार धोया जाता है। एक कर्मचारी ने कहा, “हर ट्रिप के बाद बैडशीट्स और पिलो कवर्स को लॉन्ड्री के लिए भेज दिया जाता है। कंबलों को तब तक नहीं भेजा जाता जब तक कोई बदबू या दाग न हो।” एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि कंबलों को धोने की प्रक्रिया में कोई निश्चितता नहीं है, और आमतौर पर वे तभी साफ किए जाते हैं जब यात्रियों की शिकायत होती है। RTI के जवाब में रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सब रेल किराए में शामिल होता है। गरीब रथ और दुरंतो जैसी ट्रेनों में टिकट बुक करने पर यात्रियों को बेडरोल चार्ज के साथ उपलब्ध कराया जाता है।
इतने दिनों में धुला जाता है रेलवे का चादर और कंबल
अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रेलवे के चादर और कंबल की सफाई को लेकर एक आरटीआई दाखिल किया था. जिस पर विभाग ने जवाब देते हुए बताया कि यात्रियों को दिया जाने वाला लिनन हर एक इस्तेमाल के बाद धोया जाता है. वहींं, ऊन के कंबलों को ‘महीने में कम से कम एक बार या दो बार धोया जाता है. यह इनके उपलब्ध होने और लॉजिस्टिक्स पर निर्भर करता है.’
जब तक बदबू न आए नहीं धुलते कंबल
लंबी दूरी की अलग-अलग ट्रेनों में काम करने वाले हाउसिंग स्टाफ के 20 सदस्यों ने अखबार को बताया कि कंबलों को महीने में सिर्फ एक बार धोया जाता है. जबकि ‘हर ट्रिप के बाद चादरों और पिलो कवर्स को बंडल में लॉन्ड्री के लिए दे देते हैं. कंबल के मामले में हम उन्हें लॉन्ड्री के लिए तब भेजते हैं, जब जब तक बदबू न आए या खाने का कोई दाग लगा हो.’
एक अन्य कर्मचारी ने अखबार को बताया, ‘इस बात कोई गारंटी नहीं है कि कंबल महीने में दो बार धोए जाते हैं. अधिकांश मामलों में हम कंबलों को धोने के लिए तभी देते हैं जब उनमें से बदबू, गीलापन आदि जैसी शिकायत होती है. अगर यात्री की तरफ से शिकायत की जाती है तो कुछ मामलों में हम तत्काल यह सुनिश्चित करते हैं कि साफ कंबल मुहैया कराई जाए.’
कंबल और चादर के लिए अलग से चार्ज करता है रेलवे
रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे की तरफ से दिए गए RTI के जवाब में बताया गया है, ‘यह सब रेल के किराये में शामिल होता है। गरीब रथ और दुरंतो जैसी ट्रेनों में टिकट बुक करने के साथ हर किट के हिसाब से चार्ज देकर बेडरोल हासिल किया जा सकता है।’
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