दो-तीन दिनों पहले झारखंड की कृषि और आपदा प्रबंध मंत्री राज्य को सूखाग्रस्त घोषित कर केन्द्र को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रही थीं। लेकिन अब तो उन्हें भी सोचना पड़ेगा कि उनके बयान के दो दिनों बाद झारखंड की जो स्थिति हो गयी है, उसके बाद उन्हें करना क्या चाहिए। जुलाई महीना जब शुरू हुआ था तब झारखंड की हालत यह थी कि यहां 67 प्रतिशत तक कम बारिश हुई थी। पिछले कुछ दिनों से झारखंड में जैसी बारिश हो रही है, उससे लगता है कि बारिश की पूरी कमी दो-एक दिनों में ही पूरी हो जायेगी।
पिछले दो दिनों से जैसी बारिश हो रही है, उससे राजधानी रांची ही नहीं, पूरा झारखंड तबाह है। नदी-नाले पूरे उफान पर है। राज्य के हजारों घरों में नालों का पानी घुस गया है। कई छोटे-बड़े पुलों से होकर पानी बह रहा है। बासुकिनाथ स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है। बोकारो जिले में पुल बह गया है। बरसात के पानी में एक व्यक्ति के बह जाने की भी खबर है। बेजुबान जानवरों को इस जल सैलाब से बचाने वाला कोई नहीं है। कुल मिलाकर लगातार हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
कहां कैसे हैं हालात?
- रांची के कई इलाकों में भारी जलजमाव हो गया है। रांची में ऐसा पहली बार हुआ है कि NDRF की टीम बचाव कार्य में लगी है। रांची की गलियों में पहली बार नाव चलाकर लोगों के बचाते हुए देखा जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम ने रांची के निचले क्षेत्र में 35 लोगों को बचाया है।
- भारी बारिश के कारण रांची के रातू क्षेत्र में एनएच 75 पर मरमू पुल का डायवर्सन बह गया।
- बोकारो में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से जिले के गोमिया प्रखंड के डुमरी और ढ़ेंढ़ें गांव को जोड़ने वाला पुल का एक हिस्सा गिर गया जिससे दोनों गांव के लोगों का परिचालन बंद है।
यह सब बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और डिप्रेशन की वजह से हुआ है। जिसके कारण झारखंड में बुधवार से को लगातार बारिश हो रही है। लेकिन शुक्रवार की बारिश ने तो सारा रिकॉर्ड ही तोड़ दिया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रांची में पिछले 24 घंटों में 171 मिमी बारिश हुई है। पूरे झारखंड में साल भर में औसतन 1400 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जाती है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि झारखंड में कितनी कयामत की बारिश हुई है।
सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को बंद रखने का निर्देश
मौसम विभाग ने राज्य के ज्यादातर जिलों में लगातार तेज हवा चलने और भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 3 अगस्त को राज्य भर के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को बंद रखने का निर्देश दिया है ।
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पश्चिम बंगाल और उससे सटे झारखंड में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन का क्षेत्र है। यह जल्द ही पश्चिम-पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ेगा और अगले 24 घंटे में इसके झारखंड और उससे सटे इलाकों में डिप्रेशन में तब्दील हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि समुद्र तल से एक मानसून ट्रफ बीकानेर, सीकर, ग्वालियर, सीधी की ओर बढ़ रहा है। लो प्रेशर एरिया का केंद्र पश्चिम बंगाल का गांगेय क्षेत्र और उससे सटे झारखंड से होते हुए सागरद्वीप और फिर दक्षिण पूर्व की ओर होते हुए बंगाल की खाड़ी के पूर्वोत्तर की तरफ बढ़ रहा है। मौसम केंद्र ने चार अगस्त तक के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। तीन अगस्त के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट, तो चार अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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