Nitish Kumar NDA: चुनाव नतीजों से देश में बहुत कुछ तो नहीं बदलेगा लेकिन सियासी खींचतान जरूर बढ़ेगी. सत्ता की चाबी नरेंद्र मोदी के पास तो होगी लेकिन उसकी दो कड़ियां ऐसे होंगी जो वक्त के साथ अपनी मजबूती और कमजोरी जाहिर कर सकती हैं. वो दो कड़ियां हैं नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू यानि मोदी 3.0 बिना इनके संभव नहीं है. जाहिर है इन दोनों नेताओं की तो चांदी है लेकिन इनका ट्रैक रिकॉर्ड बीजेपी को जरूर परेशान करने वाला है.
2024 के लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों की मुराद पूरी हो गई है. 10 साल बाद एक बार फिर किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. अब केंद्र में गठबंधन की सरकार बनेगी, जिसमें उन्हें मोलभाव करने का मौका मिलेगा. नरेंद्र मोदी की पिछली दो सरकारों में क्षेत्रीय दल सरकार में शामिल थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें अपनी मर्जी वाले मंत्रालय दिए गए थे. इस चुनाव में बीजेपी के पास करीब 240 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो बहुमत के 272 सीटों से काफी कम है.
बिहार में जेडीयू फिर बीजेपी के लिए संजीवनी बनी है. नीतीश कुमार के सामने लालू-तेजस्वी का तेज फीका पड़ गया है. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. इस बार बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है. एनडीए में ऐसा पहली बार है जब बीजेपी राज्य में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. एनडीए के तहत बीजेपी ने बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ी जबकि जबकि जेडीयू ने 16 सीटों पर उम्मीदवार उथारे थे. इसके अलावा पांच सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी किस्मत आजमा रही थी जबकि एक सीट पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा चुनाव लड़ी थी.
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