Women’s Reservation Bill passed: लोकसभा में लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल बुधवार शाम को पास हो गया. महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े. लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है. बता दें कि इसके विरोध में सिर्फ 2 वोट ही पड़े हैं.
नारी शक्ति वंदन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पास हो गया। गुरुवार को इस पर ऊपरी सदन यानी राज्य सभा में चर्चा हो सकती है। इससे पहले 2010 में राज्यसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पास हुआ था, लेकिन लोकसभा में पास नहीं हो सका था। लोकसभा मे ंपहली बार महिला आरक्षण से जुड़ा कोई बिल पास हुआ है।
पहले जानते हैं क्या है महिला आरक्षण विधेयक?
मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा बिल लोकसभा में पेश हुआ जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है। इसके अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण का प्रावधान है। इसी 33 फीसदी में से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी है।
देश में महिला आरक्षण कब-कब पेश हुआ?
देश की संसद में महिला आरक्षण विधेयक पहली बार 1996 में पेश हुआ। एचडी देवगौड़ा वाली संयुक्त मोर्चा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को 81वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। यह विधेयक तत्कालीन कानून मंत्री रमाकांत डी खलप द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था, तब सत्तारूढ़ पक्ष में एक राय नहीं बन सकी थी।
लालू प्रसाद, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव समेत कई नेताओं ने संशोधन की मांग करते हुए इसका विरोध जताया। विधेयक को अंततः लोकसभा की तत्कालीन सदस्य गीता मुखर्जी की अध्यक्षता में एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया।
ये भी पढ़ें: कनाडा में बच कर रहें, यात्राओं से बचें भारतीय, भारत ने जारी की एडवाइजरी