आ रही फैसले की घड़ी, किससे जुड़ेगी ज्यादा वोट करने वाली महिलाओं की कड़ी
झारखंड विधानसभा चुनावों के नतीजे आने में अब कुछ ही घंटे शेष हैं। शनिवार सुबह 8.00 बजे से मतों की गिनती शुरू हो जायेगी। उम्मीद है कि 9.00 बजे के करीब नतीजों के रूझान आने शुरू हो जायेंगे। बुधवार को मतदान सम्पन्न होने के बाद विभिन्न न्यूज एजेंसियों के जारी किये गये एग्जिट पोल के बाद झारखंड का राजनीतिक माहौल गर्म है। सभी गठबंधन और राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने हिसाब से अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। चुनाव के नतीजे क्या होंगे, यह तो 23 नवम्बर को स्पष्ट हो जायेगा, लेकिन चुनाव के नतीजे ये नतीजे क्यों आये, यह भी स्पष्ट हो जायेगा।
कहने का तात्पर्य यह है कि इस बार हर गठबंधन ने और हर पार्टियों ने इस चुनाव के लिए कुछ अलग ही प्रयास किया था। अलग इस मायने में कि गठबंधन की सभी पार्टियां अपनी विशेष लोक-लुभावन योजनाओं के सहारे चुनाव में उतरी थीं। सभी पार्टियों ने ज्यादातर महिलाओं को लुभाने का प्रयास किया है। तो इसलिए ऐसा लगता है और शायद ऐसा होगा भी कि महिलाओं के वोट 2024 विधानसभा चुनाव के लिए निर्णायक साबित होंगे। यह बात दावे से इसलिए भी कही जा सकती है, क्योंकि चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि महिला वोटरों ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया है। अब चुनाव का परिणाम तय करेगा कि किस पार्टी के ‘लोक-लुभावन वादे’ महिलाओं को आकर्षित कर सके हैं।
इस बार के चुनाव मे महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ते हुए मतदान में सक्रिय भागीदारी दिखाई है। निर्वाचन आयोग का भी कहना है कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले हैं। इस वोटिंग पैटर्न से झारखंड की राजनीति में महिलाओं के बढ़ते प्रभाव का संकेत तो मिलता है, विशेषज्ञों को भी लगता है कि इस चुनाव के नतीजों के बाद आगामी चुनावों में पार्टियों को युवाओं से ज्यादा महिलाओं को ध्यान में रख कर अपनी रणनीति बनानी होगी। राज्य में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी ने यह साबित कर दिया है कि वे अब केवल एक वोटर नहीं, बल्कि चुनावी गणित में महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुकी हैं। यानी इस बार महिला ही झारखंड में गेम चेंजर साबित होंगी।
अब थोड़ा आंकड़ों पर भी नजर दौड़ा लें। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 68 पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक चुनाव अधिकारियों के मुताबिक झारखंड विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा रही है। 81 में से 68 सीटों पर महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया। राज्य में कुल 67.74% मतदान हुआ, जो 2019 के चुनावों की तुलना में 1.65% ज़्यादा है। झारखंड में मतदान दो चरणों में 13 नवंबर को 43 सीटों के लिए और 20 नवंबर को 38 सीटों के लिए हुआ। 1.29 करोड़ महिला मतदाताओं सहित 2.61 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 1.76 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट डाले। पहले चरण में 91.16 लाख महिलाओं ने मतदान किया है। जो पुरुषों के मतदान से 5.52 लाख अधिक है। दूसरे चरण की 38 में से 31 सीटों पर महिलाओं ने ज्यादा वोटिंग की है। पहले चरण की 43 सीटों में से 37 पर महिलाएं आगे थीं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि झारखंड में कुल 1 करोड़ 76 लाख 81 हजार सात लोगों ने वोट डाले हैं। इसमें से महिल वोटरों की संख्या पुरुषों की तुलना में 5 लाख 52 हजार ज्यादा है। 91 लाख 16 हजार महिलाओं ने वोट किया है और 85 लाख 64 हजार 524 पुरुषों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। झारखंड चुनाव में इस बार हुआ कुछ ऐसा, जो पहले कभी नहीं हुआ था।
क्या यह गठबंधनों की घोषणाओं का असर है?
अब सवाल उठता है कि क्या यह एनडीए और इंडी गठबंधनों द्वारा किये गये लोक-लुभावन वादों का असर है, जिसके कारण महिलाओं ने वोट डालने में पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया। तो थोड़ा पार्टियों की ओर से की गयी घोषणाओं पर भी नजर डाल लेते हैं।
इंडी गठबंधन की घोषणाएं
- मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए
- सामाजिक न्याय के तहत अनुसूचित जनजाति (ST) को 28 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (SC) को 12 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण
- 450 रुपए में गैस सिलेंडर
- खाद्य सुरक्षा के तहत हर व्यक्ति को 7 किलो राशन
- 10 लाख युवाओं को रोजगार
- 15 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा
- शिक्षा के क्षेत्र में सभी प्रखंडों में डिग्री कॉलेज
- जिला मुख्यालयों में इंजीनियरिंग-मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी
- किसानों के लिए धान की MSP 3,200 रुपए
- कृषि उत्पादों की MSP में 50 प्रतिशत तक वृद्धि का वादा
भाजपा के संकल्प पत्र में वादा
- गोगो दीदी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की सहायता राशि
- गरीब परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर
- दिवाली और रक्षाबंधन में एक-एक गैस सिलेंडर मुफ्त
- आयुष्मान योजना के तहत 10 लाख का निःशुल्क इलाज
- झारखंड में पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून बनाने का वादा
- किडनी के मरीजों को फ्री डायलिसिस सुविधा
- अग्निवीर जवानों को नौकरी और 2.87 लाख युवाओं को नौकरी
- 5 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार
- पेपर लीक करने वालों को पकड़ कर सजा दिलाने का वादा
- महिलाओं के लिए एक रुपये में जमीन रजिस्ट्रेशन योजना फिर से शुरू करने का भी वादा
- ‘सरना धर्म कोड’ पर विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय का वादा
- झारखंड में उद्योगों, खदानों के कारण विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए आयोग का गठन का वादा
- भाजपा ने झारखंड में घुसपैठियों से जमीन वापस लेने के लिए कानून बनाने का वादा
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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