झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसले में कहा कि बिना किसी उचित कारण अपने पति से अलग रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं है। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के एक आदेश की समीक्षा करते हुए यह आदेश दिया है। मामला जमशेदपुर के रहने अमित कुमार कच्छप से जुड़ा हुआ है। अमित कुमार कच्छप फैमिली कोर्ट के दिये आदेश के रिवीजन के लिए हाई कोर्ट पहुंचे थे। इससे पहले फैमिली कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अमित कच्छप अपनी पत्नी संगीता टोप्पो को भरण-पोषण के रूप में 15 हजार रुपये प्रति माह दें। इस आदेश के खिलाफ अमित ने हाईकोर्ट में रिवीजन दायर की। अमित कच्छप ने हाई कोर्ट को बताया गया कि शादी के कुछ दिनों के बाद से ही उसकी पत्नी ने उसका घर छोड़ कर अलग रह रही है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुभाष चांद तब इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पत्नी उचित कारणों से पति से अलग नहीं रह रही है, इसलिए उन्होंने फैमिली कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर यह आदेश दिया कि पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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