Jharkhand Education Minister: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो अब हमारे बीच नहीं रहे। गंभीर बीमारी से जूझते हुए, चेन्नई में इलाज के दौरान जगरनाथ महतो ने गुरुवार सुबह 6.30 बजे अंतिम सांस ली। शिक्षा मंत्री रहते हुए जगरनाथ महतो ने कई प्रशंसनीय कार्य किये है। झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में किये गये उनके कार्यों को कृतज्ञ राज्य बरसों तक याद रखेगा। राज्य में शिक्षा को कैसे बेहतर बनाया जाये, राज्य के बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता कैसे लायी जाये, कौन-कौन सी नयी योजनाएं लायी जायें जिससे राज्य का शिक्षा स्तर ऊंचा उठे, जैक बोर्ड की परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम कैसे शीघ्र जारी किया जाये ताकि छात्रों का भविष्य बर्बाद न हो। ऐसे अनेक शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी कार्य कर गये हैं जगरनाथ महतो। अब उनके बेहतरीन कामों को आगे बढ़ाने का वक्त है। झामुमो सरकार में तलाश शुरू होगी कि ऐसा कौन विधायक है जो जगरनाथ महतो के कामों को आगे भी बढ़ा सके और शिक्षा के क्षेत्र में जो सपने अधूरे रह गये, उन्हें पूरा कर सके।
झामुमो से तीन नाम आ सकते हैं सामने
अभी तो राज्य सरकार जगरनाथ महतो को अंतिम विदाई देने में व्यस्त है। इसलिए जाहिर है इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही होगी। लेकिन चर्चा तो होगी ही। इस चर्चा में कुछ नाम भी शामिल होंगे। इन नामों में झामुमो के गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो और लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम के नामों पर चर्चा हो सकती है। इनके नामों की चर्चा होने की वजह भी है।
सुदिव्य कुमार सोनू
पहला नाम सुदिव्य कुमार सोनू का है। सोनू जगरनाथ महतो के विधानसभा क्षेत्र डुमरी के नजदीक है। सोनू के मंत्री बनने से गिरिडीह के साथ झामुमो का प्रभुत्व डुमरी पर भी बना रहेगा। इस क्षेत्र पर सुदिव्य कुमार की अच्छी पकड़ भी है। सुदिव्य कुमार सोनू ने हाल में जब नियोजन नीति में परीक्षाओं में भाषा विवाद हुआ था तब आदिवासी छात्रों के साथ उन्होंने मुखरता से साथ सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने राज्य ही नहीं, केन्द्र सरकार पर जोरदार तरीके हमला बोलते हुए उसकी नीतियों को झारखंड विरोधी करार देते हुए कड़ा प्रहार किया था।
मथुरा प्रसाद महतो
दूसरा नाम मथुरा प्रसाद महतो का भी शिक्षा मंत्री के रूप में आगे आ सकता है। हेमंत सरकार जब शिक्षा मंत्री के नामों पर चर्चा करेगी तब उनके सामने 2024 का राज्य विधानसभा चुनाव भी रहेगा। किसी महतो विधायक को मंत्रिपद देकर सीएम हेमंत राजनीतिक चाल भी चलना चाहेंगे। आगामी चुनाव में पूरी उम्मीद है कि भाजपा आजसू के साथ मिलकर ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। मथुरा महतो को मंत्रिपद देकर महतो वोटों में सीएम हेमंत सोरेन सेंधमारी करना चाहेंगे। इसलिए शिक्षा मंत्री के लिए अगर मथुरा महतो के नाम पर मुहर लगती है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
वैद्यनाथ राम
एक और नाम भी है जिसे झारखंड का शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। वह नाम है लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम का। भाजपा सरकार में खेलमंत्री, मद्यनिषेध मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री रह चुके वैद्यनाथ राम शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। वैद्यनाथ राम की योग्यता पर शक किया नहीं जा सकता। खुद सीएम हेमंत सोरेन भी उनकी योग्यता से अच्छी तरह से परिचित हैं। बता दें, हाल के विधानसभा सत्रों में सरकार के प्रश्न भी वैद्यनाथ राम ने ही तैयार किये थे। असल बात यह है कि वैद्यनाथ राम शिड्यूल कास्ट (SC) से आते हैं और इस समय झारखंड सरकार में कोई भी मंत्री शिड्यूल कास्ट का नहीं है।
खैर, यह तो आने वाला वक्त बतायेगा कि झारखंड का शिक्षा मंत्री कौन होगा। किसको मंत्री बनाना है, किसको नहीं बनाना यह सब सरकार और राजनीतिक लाभ-हानि पर निर्भर है। कौन-कितना करीबी है, किसको मंत्री बनाने से कौन कितना पाले में रहेगा, ऐसी भी कई बातें ऐसे समय में मायने रखती हैं। गठबंधन की पार्टियों कांग्रेस और राजद को यह पद नहीं दिया जायेगा,इतना तय है। क्योंकि झामुमो अपने कोटे का मंत्रिपद अपनी सहयोगी पार्टियों को नहीं देगा। कुल मिलाकर राजनीतिक प्रश्नों का हल राजनीतिक विचारों से ही निकलता है, और निकलेगा भी।
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