लोक संगीत की विरासत को सहेजने और उसको नया आयाम देने वाली बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) हमारे बीच नहीं रहीं. मंगलवार की रात उन्होंने दिल्ली एम्स AIIMS में अंतिम सांस ली. मैथिली और भोजपुरी संगीत को देश ही नहीं. विश्व भर में पहचान दिलाने वाली शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की अब स्मृति ही शेष रह गयी हैं.
छठ पर्व के गीतों के लिए काफी लोकप्रिय रहीं
शारदा सिन्हा अपने गाए छठ पर्व के गीतों के लिए काफी लोकप्रिय रही हैं. छठ पूजा हो और शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) को याद न किया जाए ऐसा संभव ही नहीं है. बिहार के समस्तीपुर से आने वालीं शारदा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को हुआ था. शारदा सिन्हा ने बचपन में ही क्लासिकल संगीत सीख ली थी . उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में कई लोक गीत गाए हैं. 1980 में शारदा सिन्हा ने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से अपने करियर की शुरुआत की थी.लेकिन पॉपुलैरिटी उन्हें छठ पर्व के गाने गाकर मिली.
सलमान की फिल्म के लिए गया गाना
बिहार कोकिला के नाम से जानी जाने वाली शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड के लिए कई गानों को अपनी आवाज दी है. इस लिस्ट में मैंने प्यार किया का गाना ‘कहे तोसे सजना’ भी शामिल है. जिसे गाने के लिए शारदा ने महज 76 रुपये बतौर फीस लिए थे. शारद सिन्हा के गाये दो गीत बॉलीवुड के एक्टर सलमान खान के लिए लकी साबित हुई. इस गीत को लोगों ने काफी पसंद किया था और इस गाने के जरिए वह घर घर पहुँच गए. इस फिल्म ने सलमान खान को बड़ी कामयाबी दिलाई थी. उन्होंने सलमान और माधुरी दीक्षित की ‘हम आपके हैं कौन’ में ‘बाबुल’ गाना भी गाया था. इसके अलावा अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर 2’ का ‘तार बिजली से पतले’… गाना शामिल हैं . शारदा सिन्हा को 1992 में पद्मश्री और 2018 में पद्म विभूषण और 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार
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