आज के डिजिटल ज़माने में साइबर अपराधी हर दिन नए हथकंडे अपनाकर लोगों की जेबें खाली करने में लगे हैं। अब उनकी नजरें आपके WhatsApp पर हैं – और इस बार उनका हथियार है एक खतरनाक तकनीक, जिसका नाम है स्टेगनोग्राफी (Steganography)।
🧠 क्या हुआ था? जानिए पूरी घटना…
एक सुबह, 28 वर्षीय प्रदीप जैन को एक अनजान नंबर से कॉल आया। इसके तुरंत बाद उस नंबर से एक फोटो आया — एक बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर के साथ सवाल,
“क्या आप इस व्यक्ति को पहचानते हैं?”
शुरू में उन्होंने नजरअंदाज किया। लेकिन बार-बार कॉल आने के बाद दोपहर 1:35 बजे के करीब उन्होंने वह तस्वीर डाउनलोड कर ली। बस यही एक क्लिक… और उनके फोन पर हैकर्स का कब्जा हो गया।
कुछ ही मिनटों में ₹2.01 लाख उनके बैंक खाते से उड़ गए!
ATM से यह रकम हैदराबाद से निकाली गई। जब Canara बैंक ने फोन कर ट्रांज़ैक्शन की पुष्टि करनी चाही, तो हैकर्स ने प्रदीप की आवाज तक नकल कर ली!
⚠️ क्या होता है Steganography स्कैम?
स्टेगनोग्राफी का मतलब होता है “छिपी हुई लेखन शैली” – यह शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है।
साइबर क्राइम की दुनिया में इस तकनीक का इस्तेमाल मीडिया फाइल्स (जैसे फोटो, ऑडियो, वीडियो) में खतरनाक कोड छुपाने के लिए किया जाता है।
👨💻 Tushar Sharma (Cyber Expert, TOFEE) बताते हैं:
“2017 में भी WhatsApp GIF इमेज में छुपा कोड उपयोगकर्ताओं का डाटा चुराने के लिए इस्तेमाल हुआ था। इसे फिर से 2019 में अपग्रेड करके इस्तेमाल किया गया और अब फिर से यह ट्रेंड में है।”
💣 ये स्कैम क्यों ज्यादा खतरनाक है?
🔴 कोई शक नहीं होता: ये इमेज, ऑडियो या PDF दिखने में बिल्कुल सामान्य लगते हैं।
🔴 एंटीवायरस भी धोखा खा जाते हैं: क्योंकि इनमें कोई पारंपरिक वायरस नहीं होता, बल्कि कोड को इस तरह छुपाया गया होता है कि वह सुरक्षा प्रणाली से बच निकलता है।
🔴 AI टूल्स भी भ्रमित हो सकते हैं: छुपे कोड्स इतनी सफाई से डाले जाते हैं कि पहचानना बेहद मुश्किल हो जाता है।
🧬 कैसे काम करता है ये अटैक?
🖼️ एक सामान्य इमेज तीन रंगों – Red, Green, Blue में डेटा सेव करती है।
⚠️ हैकर्स इसी डेटा के सबसे छोटे हिस्से (Least Significant Bit) में अपना खतरनाक कोड डाल देते हैं।
📲 जैसे ही आप वह इमेज ओपन करते हैं, कोड एक्टिव हो जाता है और आपकी जानकारी चोरी होने लगती है।
👉 यह कोड बेहद खास टूल्स से निकाला जाता है और बिना अलर्ट किए एक्टिवेट हो जाता है।
🛑 क्या इसे डिटेक्ट किया जा सकता है?
✅ सामान्य एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इसे पकड़ने में असमर्थ होते हैं।
✅ इसके लिए खास फॉरेंसिक टूल्स, स्टेगनालिसिस प्लेटफॉर्म, और AI आधारित व्यवहार विश्लेषण की जरूरत होती है।
🛡️ कैसे बचें ऐसे WhatsApp स्कैम्स से? TIPS by Cyber Experts
📵 अनजान नंबर से फाइल डाउनलोड न करें: किसी भी अजनबी का फोटो या वीडियो न खोलें।
📲 फोन अपडेट रखें: नई अपडेट्स फोन की सुरक्षा को मजबूत बनाती हैं।
⚙️ WhatsApp Auto-Download बंद करें: WhatsApp > Settings > Storage & Data में जाकर Auto Download को बंद कर दें।
🔒 OTP कभी शेयर न करें: ठग अक्सर आपके परिचितों की नकल कर OTP मांग सकते हैं।
👥 Group Permissions को ‘My Contacts’ पर सेट करें: ताकि कोई अनजान ग्रुप में न जोड़ सके।
🔇 ‘Silence Unknown Callers’ एक्टिव करें: WhatsApp की नई सुविधा से अजनबी कॉल्स को साइलेंस किया जा सकता है।
📢 निष्कर्ष: सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए!
सिर्फ एक इमेज से ₹2 लाख की चपत लग सकती है, सोचिए अगर आपने रोज़ ऐसे कितने मैसेज खोले होंगे!
WhatsApp पर कोई भी फाइल, फोटो या वीडियो डाउनलोड करने से पहले 100 बार सोचें।
🧠 जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार है। इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।