न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि लम्बे समय से रांची नगर निगम और आरआरडीए में अस्थायी कर्मियों से काम कराया जा रहा है। दोनों जगहों पर आखिर स्वीकृत पदों को स्थाई नियुक्ति से भरने का सरकार का क्या प्लान है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी, 2023 निर्धारित की है। कोर्ट ने इसके साथ ही रांची नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया पर चिंता जाहिर करते हुए उसे सरल बनाने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी व्यववस्था होनी चाहिए कि मकानों के मैप वेरिफिकेशन के बाद 10 दिनों के भीतर नक्शा स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाये। बता दें कि हाई कोर्ट ने फिलहाल रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा रखी है।
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने गुरुवार को राज्य के नगर निकायों में नक्शा पास करने में हो रही धांधली पर स्वतः संज्ञान लेने के साथ राधिका शाहदेव एवं लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई बिंदुओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और हस्तक्षेप कर्ता की ओर से अधिवक्ता लाल ज्ञानरंजन नाथ शाहदेव ने पैरवी की।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को जानकारी दी गयी कि आरआरडीए में 1982 के बाद से कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है और रांची नगर निगम में भी पिछले 20 वर्षों से नियुक्ति नहीं हुई है। दोनों विभागों में कांट्रैक्ट बेसिस पर कर्मियों से काम कराया जा रहा है। जबकि रांची नगर निगम और आरआरडीए के पद स्वीकृत हैं।
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