झारखण्ड को पीछे ले जाने की कोशिश को हमने रोका, झामुमो महाधिवेशन में बोले सीएम हेमंत

झामुमो का केन्द्रीय महाधिवेशन रांची के खेलगांव में टानाभगत इंडोर स्टेडियम में सोमवार से शुरू हो गया। झामुमो का महाधिवेशन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा का भी एक बड़ा मंच है। इस मंच से उन्होंने अपने सम्बोधन में जो हुंकार भरी है, वही यह बताने के लिए काफी है।

मुख्यमंत्री हेमंत ने मंच से कहा, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा गरीब, शोषित और वंचित वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है। आदरणीय गुरुजी के नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गयी, हमें अलग राज्य भी मिला। राज्य के लोगों ने सोचा कि अब हमारा सर्वांगीण विकास होगा लेकिन राज्य का विकास चुनी ही सरकार द्वारा ही संभव हो सकता है।

और यह दुर्भाग्य था कि राज्य बनने के बाद राज्य की बागडोर जिनके हाथों में थी उन्हें यहां के आदिवासियों-मूलवासियों, झारखण्डवासियों से कोई मतलब नहीं था।

2019 में तब राज्य की जनता के आशीर्वाद से हमें नेतृत्व करने का अवसर मिला, उसमें भी विपक्ष ने कई बार राजनीति का स्तर नीचे गिराते हुए, झारखण्ड को पीछे ले जाने की कोशिश की, लेकिन सफल न हो सके। झारखण्ड न कभी डरा, न कभी झुका।
सीएम सोरेन ने इस मौके पर कहा कि झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही यहां के आदिवासियों, मूलवासियों और दलितों का शोषण और उत्पीड़न हो रहा था. सरकार की नीतियों की वजह से आदिवासी-मूलवासी और किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे थे।
बता दें कि हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और उन्होंने अपने पिता शिबू सोरेन से राजनीति की बारीकियां सीखी हैं. वह झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री हैं और इससे पहले भी वह तीन बार इस पद पर रह चुके हैं.

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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