लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश, चर्चा के बाद JPC में भेजने का फैसला

मोदी सरकार द्वारा सदन में लाया गया वक्फ एक्ट संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया। बिल पर पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोपों के संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे संयुक्त संसदीय कमिटी (JPC) के पास भेजने के फैसला लिया। इससे पहले किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश कर किया था। बिल पेश किये जाने के बाद पक्ष और विपक्ष के सांसदों में जोरदार बहस हुई। लोकसभा में बिल का विरोध कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव), वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, एनपीसी (शरद), एआईएमआईएम, आईयूएमएल, आरएसपी समेत अन्य दलों ने किया। बता दें कि विपक्ष को इस बात की उम्मीद थी कि जदयू बिल का विरोध करेगा। लेकिन नीतीश कुमार की जेडीयू ने वक्फ एक्ट का समर्थन कर दिया। जेडीयू ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि ये बिल पारदर्शिता के लिए है और ऐसा होना चाहिए। एनडीए सरकार की सहयोगी टीडीपी ने भी बिल का समर्थन किया।

किरेन रिजिजू ने सदन में हुई चर्चा के बाद जवाब देते हुए वक्फ बिल को लेकर सदन की आशंकाओं का समाधान करने के प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बिल संविधान की प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं है। बिल में पहले भी संशोधन हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है कि बिल पर पहले बात नहीं हुई। जो काम कांग्रेस नहीं कर पायी, वह हम कर रहे हैं। धर्म के नाम पर विपक्ष भेदभाव फैला रहा है। उन्होंने कहा कि बिल से वक्फ बोर्ड के ढांचे में बदलाव नहीं होगा। हमने सभी पक्षों के साथ बात की है। बिल वक्फ की प्रक्रिया को जवाबदेह बनाने की कोशिश है। वक्फ बिल किसी के अधिकारों पर चोट नहीं है। जिन्हें हक नहीं मिला, उन्हें हक देने के लिए बिल लाया गया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। बिल का समर्थन कीजिए, करोड़ों दुआएं मिलेंगी।

इससे पहले जेडीयू ने वक्फ एक्ट संशोधन बिल को समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह ने वक्फ एक्ट संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी मानने से इनकार कर दिया। ललन सिंह ने कहा कि अंकुश लगाने के लिए नहीं बल्कि पारदर्शिता लाने के लिए बिल लाया गया है। ललन सिंह ने विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, मंदिर की बात कहां से आ गई। ये अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था?

समाजवादी पार्टी ने वक्फ एक्ट संशोधन बिल का विरोध किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन बताया। बीजी

-कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ एक्ट संशोधन बिल के खिलाफ कहा कि ये संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के हक का उल्लंघन है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अयोध्या के मंदिर कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया। उन्होंने इसे समाज को बांटने वाला कहा।उन्होंने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण के लिए यह बिल ला रही है। बीजेपी इस समय हताश और निराश है।

यूपी के रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह ने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी लिखा है कि सिर्फ सिख सदस्य होगा। फिर मुस्लिमों से अन्याय क्यों। हम बड़ी गलती करने जा रहे हैं।

डीएमके की कनिमोझी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि ये बिल खास तौर पर एक धार्मिक ग्रुप को टार्गेट करता है। ये बिल पूरी तरह मुस्लिमों के खिलाफ है।

आईयूएमएल सांसद मोहम्मद बशीर ने कहा कि सरकार इस बिल से सिस्टम की हत्या और अन्याय कर रही है।

आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने वक्फ एक्ट संशोधन बिल पर आपत्ति जताते हुए इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया।

एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ एक्ट संशोधन बिल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी सरकार मुसलमानों की दुश्मन है। ये बिल हिंदू और मुस्लिम में भेदभाव करता है। वक्फ कोई पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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