झारखंड विधानसभा चुनाव के दोनों चरण के मतदान सम्पन्न हो गये। बुधवार को दूसरा चरण संपन्न हुआ। चुनाव आयोग ने जो आंकड़ा प्रस्तुत किया, उसके अनुसार इस चरण में 68.45 प्रतिशत वोटिंग हुई और 528 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गयी। अब किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा, इसका फैसला 23 नवंबर को होगा। सबसे ज्यादा वोटिंग नाला में 80.3 फीसदी जबकि बोकारो में सबसे कम 55.06 फीसदी मतदान हुआ है। इससे पहले के चरण में 13 नवंबर को 43 सीटों पर हुए चुनाव में कुल 683 उम्मीदवारों की किस्मत भी ईवीएम में बंद हो चुकी है।
दूसरे चरण में 68.45% की बम्बर वोटिंग हुई। फिर भी इन सीटों पर यह वोटिंग 2019 की वोटिंग से कम ही रही। 2019 में इन 38 सीटों पर 68.86% वोटिंग हुई थी। झारखंड में हर गठबंधन हर पार्टी ने जिस प्रकार से आदिवासियों के मुद्दों को उठाते हुई प्रचार-प्रसार किया, उससे यह लग रहा था इस बार आदिवासी क्षेत्रों में वोटिंग का सारा रिकॉर्ड टूट जायेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जिन 38 सीटों पर वोटिंग हुई उनमें 18 सीटें आदिवासी क्षेत्रों की हैं, लेकिन इन 18 सीटों में से 7 सीटों ऐसी रहीं जहां वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहते हुए भी पिछली बार से कम रहा। इनमें खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बरहेट सीट भी शामिल है। पिछली 2019 में यहां का वोटिंग प्रतिशत 70.9 था, लेकिन 2014 में यह प्रतिशत घटकर 69.50 पर आ गया। जबकि हेमंत सोरेन आदिवासियों के मुद्दे उठाने वाले सबसे अग्रणी नेता रहे हैं। कुछ सीटों पर वोटिंग बढ़ी भी तो यह अन्तर काफी कम ही था। पूरे 38 सीटों में से भी कुछ अन्य सीटों पर भी वोटिंग कम हुई। तो जाहिर है जिन सीटों पर वोटिंग बढ़ी है, और जिन सीटों पर वोटिंग कम हुई है, वह परिणाम को तय करने और बदलने में भी अपनी भूमिका निभायेंगे। इस तरह की वोटिंग का क्या असर हुआ, इसका पता 23 नवम्बर को तो पता चल ही जायेगा।
इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
दूसरे चरण में कई दिग्गज नेताओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सुदेश महतो, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो सहित चार कैबिनेट मंत्रियों इरफान अंसारी, हफीजुल हसन, दीपिका पांडेय सिंह और बेबी देवी की किस्मत का फैसला होगा। इनके अलावा कल्पना सोरेन, सीता सोरेन, लुईस मरांडी और लोबिन हेंब्रम पर भी सभी की नजरें टिकी होंगी। दूसरे चरण में 11 पूर्व मंत्री भी चुनावी अखाड़े में हैं। स्टीफन मरांडी, हेमलाल मुर्मू, बसंत सोरेन, लुईस मरांडी, बादल पत्रलेख, रंधीर सिंह, सुरेश पासवान, प्रदीप यादव, जेपी पटेल, मथुरा महतो और जलेश्वर महतो की भी किस्मत का फैसला होगा।
दूसरे चरण में कैसे रहा वोटिंग प्रतिशत?
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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