न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
झारखंड के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला अब गले की फांस बन गया है। इसका विरोध राज्य स्तरीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हो गया है। अगर यह विरोध अंतरराष्ट्रीय भी हो जाये तो कहना गलत नहीं होगा। नये वर्ष पर जब पूरा देश जश्न मना रहा था, सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाये जाने के विरोध लम्बे-लम्बे जुलूस निकाले गये, रैलियां की गयी और विरोध जताया गया। यहां तक कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी इस पर अपनी मंशा जाहिर की है। राज्यपाल रमेश बैस ने धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए इस पर उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
मुम्बई, अहमदाबाद, दिल्ली में विरोध प्रदर्शन
झारखंड में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस पर रविवार को मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली में जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। समाज के लोग दिल्ली के प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों के एक डेलिगेशन ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन दिया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो झारखंड सरकार के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ है। यह जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इससे तीर्थ को नुकसान होगा। प्रदर्शनकारी झारखंड सरकार से फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं। इस मसले को लेकर जैन समुदाय के लोग 26 दिसंबर से देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं, रविवार को यह प्रदर्शन तेज हो गए।
मुम्बई में सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन
मुंबई में भी समुदाय के लोग झारखंड सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। महाराष्ट्र के मंत्री एमपी लोढ़ा ने कहा कि हम गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में बदलने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। लोढ़ा के मुताबिक आज के प्रदर्शन में करीब 5 लाख लोग शामिल हुए।
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी जैन समुदाय के लोगों का समर्थन किया था। VHP ने कहा कि सम्मेद शिखर एक तीर्थ स्थल है। उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए। VHP के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम भारत के सभी तीर्थस्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं। इस तरह से किसी भी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में नहीं बदला जाना चाहिए।
अहमदाबाद में जैन समाज का प्रदर्शन
दिल्ली में विरोध प्रदर्शन
फिरोजाबाद में प्रदर्शन
जारी है जैन धर्मावलम्बियों का विरोध
झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन में प्रांतीय अध्यक्ष श्रीबसंत मित्तल ने श्री सम्मेद शिखर जी को पावन व पवित्र तीर्थ स्थल बताते हुए कहा कि यह झारखंड ही नहीं, संपूर्ण विश्व के जैन अनुनाइयों के आस्था व विश्वास का केद्र ही नहीं अपितु प्रकृति के झारंचल में अमूल्य धरोहर हैं। इसका विकास तीर्थ व दार्शनिक स्थल के रूप विकसित किया जाय ना की पर्यटन स्थल घोषित कर इसके अस्तित्व को मिटाया जाये। प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के पदाधिकरियों की बैठक मे पुरजोर विरोध किया गया एवम आवश्यकता होने पर पुरजोर आंदोलन का विचार किया.
पिकनिक स्पॉट बनाये जाने का देशव्यापी विरोध
की मधुबन, पारसनाथ, गिरिडीह (झारखंड) के तीर्थस्थल को “पिकनिक स्पॉट” करने के विरोध में देश समेत झारखंड भर में विरोध हो रहा है, जिसपर झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं माननीय प्रधानमंत्री को भी अवगत किया जा चुका है। जैन धर्म में मांस-मदिरा प्रतिबंधित है, तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल “पिकनिक स्पॉट” करने पर यहां अशुद्ध-हिंसक वातावरण पैदा होगा साथ ही जब जैन समुदाय ने यह मांग किया ही नही तो फ़िर आदेश क्यों जारी किया गया है… केद्र सरकार व राज्य सरकार इस पुनीत धरोहर की रक्षा करें एवम जैन समुदाय जो मांग कर रहें है उसे लागू किया जाए। बताया गया कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया जायेगा।
कवयित्री अनामिका जैन की प्रतिक्रिया
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