Vice President Election: शनिवार शाम बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद उपराष्ट्रपति पद (Vice President) के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा हुई, जिसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के नाम की घोषणा कर एक बार फिर सबको चौंका दिया है.
बीजेपी ने साधे कई निशाने
उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) में बीजेपी प्रत्याशी जगदीप धनखड़ की जीत लगभग पक्की मानी जा रही है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने एक साथ कई निशाने साधे हैं. धनखड़ राजस्थान के जाट समुदाय से आते हैं और ओबीसी कैटगरी से भी हैं, अगले साल राजस्थान विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे बीजेपी जीतना चाहती है. ऐसे में बीजेपी ने इन्हें अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर एक बड़ा सियासी दांव खेला है. जाट समुदाय से संबंध रखने वाले धनखड़ के जरिए बीजेपी को यह उम्मीद है कि राजस्थान के चुनाव में जाट समुदाय का वोट हासिल किया जा सकता है.

आदिवासी और जाट समुदाय दोनों को साधा
जिस तरह पहले द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने आदिवासियों को साधा, ठीक उसी तरह इसके बाद धनखड़ के नाम के ऐलान के साथ उसने जाट समुदाय को भी साधने का काम किया है. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के आदिवासी वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है, यह माना जा रहा है कि जाट समुदाय और किसानों को मनाने के लिए भाजपा ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव में बतौर उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पेश किया है. चूंकि जाट समुदाय इन दिनों सरकार से नाराज चल रहा है, इसलिए बीजेपी ने उन्हें सरकार के नजदीक लाने का प्रयास किया है.

संविधान की रखते हैं विशेष समझ
धनखड़ जाने माने वकील भी हैं. उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की है. भाजपा ने धनखड़ को उम्मीदवार बनाकर एक बेहतरीन दांव चला है. वे संविधान को समझते हैं. ऐसे में उनसे भाजपा को सहायता मिलेगी.
किसानों को भी रिझाने का प्रयास
जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले हैं. यहां पर अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वहीं 2024 में हरियाणा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं . जगदीप धनखड़ की उम्मीदवारी से भाजपा हरियाणा, राजस्थान के साथ-साथ अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को काफी फायदा मिलने की संभावना है. पीएम मोदी का उनके लिए अपने ट्वीट में किसान पुत्र के तौर पर संबोधन करना भी इस बात को जाहिर करता है कि अगले चुनावों में वह नाराज चल रहे किसानों को भी रिझाने का प्रयास करना चाह रहे हैं.
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