Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता को लेकर तकरार शुरू हो गई है. बीजेपी शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) की मांग हो रही है. बीजेपी के कई मुख्यमंत्री इस पर सहमत हैं. उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश में भी सरकार इसे लागू करने पर विचार कर रही है. बिहार में भी भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इसे लागू करने की वकालत की है. बिहार में कॉमन सिविल कोड (UCC) को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच दीवार आ गई है।बिहार सहित बीजेपी शासित अन्य राज्यों में भी बीजेपी की तरफ से इसके लिए मांग तेज हो रही है। आइए जानते हैं क्या है यूनिफार्म सिविल कोड
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड को ‘समान नागरिक संहिता’ कहा जाता है। इसका मतलब यह होता है कि देश के हर शहरी के लिए एक जैसा कानून लागू हो। इसके तहत एक शहरी किसी भी धर्म-मज़हब से संबंध रखता हो, सभी के लिए एक ही कानून होगा। इसको धर्मनिर्पेक्ष कानून भी कहा जा सकता है।
देश के सिर्फ एक राज्य में लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड
अब तक आपने अलग-अलग राज्यों के अलावा केंद्र सरकार की तरफ से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात सुनी होगी, लेकिन इस पर आगे कोई अमल नहीं हो पाया है। देश का सिर्फ एक ही राज्य ऐसा है जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है. उस राज्य का नाम है गोवा। इस राज्य में पुर्तगाल सरकार ने ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया था। साल 1961 में गोवा सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही बनी थी।
Uniform Civil Code के फायदे
यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने से सभी समुदाय के लोगो को एक समान अधिकार दिए जायेंगे। समान नागरिक सहिंता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा। कुछ समुदाय के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सिमित है। ऐसे में यदि Uniform Civil Code लागू होता है तो महिलाओं को भी समान अधिकार लेने का लाभ मिलेगा। महिलाओं का अपने पिता की सम्पति पर अधिकार और गोद लेने से संबंधी सभी मामलों में एक सामान नियम लागू हो जायेंगे।