न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
6 साल पुराने मामलों में झारखंड पुलिस के दो डीएसपी पवन कुमार और मजरुल होदा पर हत्या का मुकदमा चलेगा। झारखंड सरकार ने दोनों पर हत्या का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। बोकारो डीआईजी कार्यालय में तैनात डीएसपी पवन कुमार और आईआरबी-5 जामताड़ा में तैनात डीएसपी मजरुल होदा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी गयी है।
2016 में दो अलग-अलग मौतों के लिए जिम्मेदार!
डीएसपी पवन कुमार राजधानी रांची में बुंडू आदर्श नगर निवासी रूपेश स्वांसी की हिरासत में हुई मौत के आरोपी हैं। रूपेश स्वांसी की 8 जुलाई, 2016 को हवालात में मौत हुई थी। डीएसपी पवन कुमार के साथ अन्य पुलिस अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है।
वहीं, डीएसपी मजरुल होदा को धनबाद जिले में घटित घटना के लिए आरोपी बनाया गया है। 2016 में ही हरिहरपुर थाना क्षेत्र में तोपचांची-राजगंज जीटी रोड पुलिस द्वारा ट्रक चालक से वसूली करने, फिर उसे गोली कर फर्जी एनकाउंटर साबित करने के मामले में मजरुल को आरोपी माना गया है। घटना के वक्त डीएसपी मजरुल घटनास्थल पर मौजूद थे।
बता दें बुंडू निवासी जिस रूपेश कुमार के पिता द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर डीएसपी पवन कुमार पर कार्रवाई हुई है। पिता भूषण स्वांसी के अनुसार 7 जुलाई, 2016 को सिविल ड्रेस में दो पुलिसकर्मी उसकी दुकान पर आए और पूछताछ के बहाने रूपेश को ले गए। लेकिन दूसरे दिन रूपेश रिम्स में मृत पड़ा मिला। रूपेश के शरीर पर 16 जगहों पर जख्म की बात सामने आई थी।
वहीं धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र में बाघमारा के तत्कालीन डीएसपी मजरुल होदा पर एनकाउंटर की झूठी कहानी गढ़ने का आरोप है। हरिहरपुर के गाड़ियों की चेकिंग के दौरान जब चमड़ा लदे एक ट्रक को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रक चालक मोहम्मद नाजिम ने ट्रक की स्पीड बढ़ा दी। सीआईडी की चार्जशीट के मुताबिक अधिकारियों ने तब ट्रक का पीछा कर ड्राइवर को गोली मारी थी। जबकि पुलिस अधिकारियों ने गोली मारने के बाद एक पिस्टल, दो खोखे और कुछ कारतूस जब्त दिखाते हुए बताया था कि ट्रक चालक और अन्य ने मिलकर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं।
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