गया से मनोज कुमार कि रिपोर्ट
यूएनओ सहित दुनिया भर के देश रूस और यूक्रेन(Ukraine) के विवाद को लेकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं तो वहीं बोधगया के भी दो दर्जन छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में सभी पढ़ाई कर रहे हैं
उनके परिजन दोनों देशों के बीच चल रहे तनातनी और किसी भी क्षण युद्ध होने की स्थिति की जानकारी मिलने के कारण चिंतित हैं।
परिजन लगातार बनाये हुए हैं बच्चों से सम्पर्क
वहीं यूक्रेन में इंडियन एम्बेसी द्वारा जारी एडवाइजरी को अपने बच्चों को अमल में लाने सलाह भी दे रहे हैं। कुछ परिजनों का यह भी मानना है कि बच्चों ने बातचीत के दौरान यह भी बताया है कि हम सभी यहां पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक अनावश्यक घरों से बाहर निकलने से परहेज करने की बातें कही गयी है।
मीडिया की खबरों पर नजर बनाए हुए हैं नजर
बोधगया के अधिकांश बच्चे यूक्रेन के खारखिव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। जिसमें ज्यादातर बच्चे एक साल पहले बोधगया से यूक्रेन पढ़ाई के लिए गए हैं। राजापुर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि हमारी बेटी स्वाति प्रिया व बेटा शुभम कुमार फिलहाल यूक्रेन में ही है। मंगलवार की शाम में अंतिम बार बात हुई है। हालांकि बच्चों ने यह बताया है कि फिलहाल यहां स्थिति पूरी तरह सामान्य है। लेकिन परिवार में बच्चों को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है। वहीं सोनू बिगहा निवासी रामस्वरूप यादव ने कहा कि मेरा बेटा आकाश कुमार भी खारखिव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन व रूस के बीच विवाद की स्थिति पर हम नजर रखे हुए हैं। अगर स्थिति ज्यादा तनावपूर्ण हुआ तो हम प्रयास करेंगे कि बेटे को घर बुला लें। यूक्रेन की राजधानी कीव एयरपोर्ट से मेडिकल यूनिवर्सिटी तक पहुंचने में करीब आठ घंटे का समय लगता है। वहीं बच्चे कीव से दुबई के रास्ते से दिल्ली तक आते-जाते हैं।
ये बच्चे फंसे हैं युक्रेन में
एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बोधगया के बच्चों में राजापुर की स्वाति प्रिया, शुभम कुमार, रत्ती बिगहा का आकाश कुमार राज, रामपुर का प्रेम कुमार, अमवां की वर्षा रानी व आदित्य कुमार, मस्तीपुर की ऋतम्भरा राय, सोनू बिगहा का आकाश कुमार, बैजु बिगहा का राहुल राज सहित अन्य छात्र शामिल है।
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