सीजेआई चंद्रचूड़ के कार्यकाल का आज आखिरी दिन, राम मंदिर समेत कई बड़े फैसलों से रहे चर्चा में

अयोध्या के रामलला जन्मभूमि विवाद, अनुच्छेद 370 समेत कई बड़े फैसलों से चर्चा में रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल का शुक्रवार को आखिरी दिन है। चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस हैं। चन्द्रचूड़ 10 नवम्बर को मुख्य न्यायाधीश के पद से मुक्त हो रहे हैं। उनका कार्यकाल 2 वर्षों का रहा है। इसके बाद शनिवार से नये मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पदभार ग्रहण कर लेंगे। बड़े-बड़े फैसलों से चर्चा में रहने वाले सीजेआई चन्द्रचूड़ ने आखिरी दिन भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसख्यंक दर्जे का बड़ा फैसला सुनाया है। सीजेआई ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्य दर्जे को बरकरार रखा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को नए सिरे से तय करने के लिए तीन जजों की एक समिति गठित की है।

कई चर्चित फैसलों के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ को याद किया जायेगा

  • चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने एडीएम जबलपुर मामले के फैसले को पलटने में अहम भूमिका निभाई, जिसमें आपातकाल के दौरान बंदियों को न्यायिक सहायता देने से मना कर दिया गया था।
  • चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने राम जन्मभूमि पर सुनाया था। फैसला 2019 में चंद्रचूड़ सहित पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अयोध्या की राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया।
  • चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने भारत में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने की मांग पर भी सुनवाई की। हालांकि, उन्होंने इसे मंजूरी देने से यह कहते हुए परहेज किया कि ऐसे फैसले संसद पर छोड़ देने चाहिए।
  • अनुच्छेद 370 और चुनावी बांड चंद्रचूड़ के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को हटाने के मामले में भी चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने व्यापक फैसला सुनाया। न्यायालय ने इसे संवैधानिक मानते हुए इसे हटाने को बरकरार रखा।
  • चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने राजनीतिक दलों के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर भी विचार किया। उन्होंने इस प्रणाली को पारदर्शिता की कमी के कारण खारिज कर दिया।
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और दिल्ली सरकार विवाद पर चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने फैसला सुनाया। उन्होंने ऐसे कृत्यों को महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासनिक तबादलों और नियुक्तियों को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच विवाद को भी सुलझाया।
  • धार्मिक अधिकार और सबरीमाला निर्णय केरल के हदिया विवाह मामले में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने वयस्कों के लिए धर्म परिवर्तन और विवाह विकल्पों के संबंध में निजता के अधिकार का समर्थन किया।
  • चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ उस पीठ का हिस्सा थे जिसने केरल के सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म वाली महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को खत्म कर दिया था।
  • कॉलेजियम प्रणाली और अर्नब गोस्वामी मामला चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक आयोग बनाम कॉलेजियम बहस में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की। उन्होंने कॉलेजियम प्रणाली की पारदर्शिता का बचाव किया।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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