वेटिंग टिकट को लेकर भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। वेटिंग टिकट वालों की ट्रेन में इंट्री तो दूर की बात, इन्हें अब स्टेशन में भी एंट्री नहीं मिलेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में संसद में जानकारी दी है। दरअसल, रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि त्यौहारों और मेलों के दौरान भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए रेलवे ने सीमित प्रवेश नियंत्रण प्रणाली लागू की है। इसके तहत स्टेशनों के बाहर होल्डिंग क्षेत्र बनाये गये हैं, जहां यात्रियों को तब तक एंट्री नहीं दी जाती है जब तक ट्रेन प्लेटफॉर्म पर नहीं आ जाती। बेटिकट और वेटिंग टिकट वालों पर विशेष रूप से नजर रखी जा रही है। दरअसल, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ से सबक लेते हुए रेलवे ने यह व्यवस्था की है।
60 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग क्षेत्र
2024 के त्यौहारी सीजन के दौरान स्टेशनों के बाहर होल्डिंग क्षेत्र बनाए गए थे। सूरत, उधना, पटना और नई दिल्ली में ये प्रतीक्षा क्षेत्र बड़ी भीड़ को संभालने में सक्षम थे। यात्रियों को तभी अनुमति दी गई, जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई। महाकुंभ के दौरान प्रयाग क्षेत्र के नौ स्टेशनों पर इसी तरह की व्यवस्था की गई थी।
इन स्टेशनों के अनुभव के आधार पर, देश भर के 60 स्टेशनों पर, जहां समय-समय पर भारी भीड़ होती है, स्टेशनों के बाहर स्थायी प्रतीक्षा क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया गया है।
नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और गाजियाबाद स्टेशनों पर पायलट परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं।
इस अवधारणा से अचानक आने वाली भीड़ को प्रतीक्षा क्षेत्र में ही सीमित रखा जा सकेगा। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर तभी जाने की अनुमति होगी, जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आएगी। इससे स्टेशनों पर भीड़ कम होगी।
प्रवेश नियंत्रण
- 60 स्टेशनों पर पूर्ण प्रवेश नियंत्रण शुरू किया जाएगा।
- कन्फर्म रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक सीधे पहुंच दी जाएगी।
- बिना टिकट या प्रतीक्षा सूची वाले यात्री बाहरी प्रतीक्षा क्षेत्र में प्रतीक्षा करेंगे।
- सभी अनधिकृत प्रवेश द्वार सील कर दिए जाएंगे।
- चौड़े फुट-ओवर-ब्रिज (एफओबी):
12 मीटर चौड़े (40 फीट) और 6 मीटर चौड़े (20 फीट) मानक वाले एफओबी के दो नए डिजाइन विकसित किए गए हैं। रैंप वाले ये चौड़े एफओबी महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में बहुत कारगर रहे। ये नए मानक वाले चौड़े एफओबी सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे।
कैमरा
महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में कैमरों ने बड़ी मदद की। सभी स्टेशनों और आस-पास के इलाकों में कड़ी निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे।
वॉर रूम
बड़े स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए जाएंगे। भीड़भाड़ की स्थिति में सभी विभागों के अधिकारी वॉर रूम में काम करेंगे।
नई पीढ़ी के संचार उपकरण
सभी भारी भीड़ वाले स्टेशनों पर वॉकी-टॉकी, उद्घोषणा प्रणाली, कॉलिंग सिस्टम जैसे नवीनतम डिजाइन के डिजिटल संचार उपकरण लगाए जाएंगे।
नए डिजाइन का आईडी कार्ड
सभी कर्मचारियों और सेवाकर्मियों को नए डिजाइन का आईडी कार्ड दिया जाएगा, ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही स्टेशन में प्रवेश कर सकें।
कर्मचारियों के लिए नई डिजाइन की वर्दी
सभी स्टाफ सदस्यों को नई डिजाइन की वर्दी दी जाएगी, ताकि संकट की स्थिति में उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।
स्टेशन निदेशक पद का उन्नयन
सभी प्रमुख स्टेशनों पर स्टेशन निदेशक के रूप में एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। अन्य सभी विभाग स्टेशन निदेशक को रिपोर्ट करेंगे।
स्टेशन निदेशक को वित्तीय अधिकार मिलेंगे, ताकि वह स्टेशन में सुधार के लिए तत्काल निर्णय ले सकें।
क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्री
स्टेशन निदेशक को स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार टिकटों की बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार दिया जाएगा।
इसके अलावा, सुरक्षा व्यवस्था और यात्री प्रवाह को सुव्यवस्थित करने के लिए, सभी हितधारकों जिसमें सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी), स्थानीय पुलिस और स्थानीय नागरिक प्रशासन शामिल हैं, को शामिल करते हुए स्टेशन-विशिष्ट योजनाएं बनाई जाती हैं और तदनुसार यात्रियों की आमद को प्रबंधित करने के लिए कार्रवाई की जाती है। आरंभिक स्टेशनों पर महत्वपूर्ण ट्रेनों में परेशानी मुक्त तरीके से चढ़ने के लिए कतार प्रणाली बनाए रखी जाती है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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