पेजयल एवं स्वच्छता, वित्त, गृह-कारा आपदा प्रबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेद्य योजना एवं विकास, कार्मि, प्रशासनिक एवं सूचना जनसंपर्क विभाग का अनुदान मांग (बजट) सदन से शुक्रवार को पास हो गया है। सदन में विभागों के अनुदान मांग पर सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि पानी का बाजारीकरण हो गया है। लोग अवैध तरीके से बोरिंग करके धरती का पानी निकालकर व्यापार कर रहे हैं। यह अब नहीं चलेगा। अवैध रूप से बोरिंग करके व्यापार करने वालों पर अब कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड गठन हुए 25 वर्ष हो गए, मगर आज तक शहरी जलापूर्ति का सिस्टम ट्रैक पर नहीं आया। पानी पेयजल विभाग दे और राजस्व नगर निकाय उठाएं, अब यह नहीं चलेगा। बहुत जल्द राज्य के 19 शहरी जलापूर्ति का पूरा सेटअप नगर निकायों को सौंप दिया जाएगा। इससे जुड़े पत्र नगर विकास विभाग को दे दिया गया है। अब अपनी जिम्मेवारी से नगर विकास विभाग भाग नहीं सकता है।
मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र प्रायोजित योजना हर घर, नल जल योजना पर भाजपा खुब बोलती हैं, मगर इनकी हिम्मत नहीं है सच सुनने की. सरकार ने अक्टूबर 2024 में उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र सरकार को भेज दिया है। हम अपने हिस्से के राशि लेकर बैठे हैं, मगर अब तक केंद्र सरकार अपना केंद्रांश 2600 करोड़ रूपये नहीं दिये। यह पूरी योजना केंद्र और राज्य के हिस्से 50:50 प्रतिशत के आधार पर चलती है। मगर जब तक केंद्रांश नहीं आयेगा, राज्य सरकार पैसा मर्जर नहीं कर सकती है। इसलिए भाजपा वालों को केंद्र पर जाकर पैसा लाना चाहिए।
मंत्री योंगेंद्र प्रसाद ने कहा कि पहले यह होता था कि गांवों में वन विभाग, यह वित्त आयोग, यह विभाग के द्वारा चापानल गाड़े हैं, इसलिए हम खराब चापानल को ठीक नहीं करायेंगे. मगर अब किसी भी मद से यह लगे हों, सभी खराब चापानल को विभाग मरम्मत करायेगा।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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