परिसीमन पर केंद्र से आर-पार की लड़ाई लड़ेगा – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

देश में होने वाले आगामी परिसीमन को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों में ‘तलवारें’ खिंच गयी हैं। तमिलनाडु समेत अन्य दक्षिणी राज्यों के बाद झारखंड ने भी केन्द्र सरकार को आंखें दिखायी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के समापन संबोधन में कहा कि हम जैसे कमजोर और आदिवासी लोग जब मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो विपक्ष और भाजपा के लोगों को तकलीफ होती है। उन्होंने परिसीमन और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी सीटों को घटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लंबित नियुक्तियों को जल्द पूरा करने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि सदन को लंबे समय के बाद नेता प्रतिपक्ष मिला है।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कोल रॉयल्टी के अलावा भी केंद्र पर झारखंड सरकार का बकाया है, लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की तमाम साजिशों और सरकार गिराने के प्रयासों के बावजूद उनकी सरकार पहले से अधिक मजबूती के साथ सत्ता में वापस आई है। जनता ने विपक्ष का असली चेहरा देख लिया है और उनका नकाब अब पूरी तरह उतर चुका है।

हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की फ्री सेवा होगी शुरू

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर वित्तीय भेदभाव का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र झारखंड के वित्तीय अधिकारों का हनन कर रहा है। पेंशन योजना में केंद्र का हिस्सा रोक दिया गया है, जिससे आम जनता प्रभावित हो रही है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की फ्री सेवा शुरू करेगी और हर अस्पताल में हेलीपैड बनाया जाएगा, जिससे जरूरतमंद मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके।

न्यूज डेस्क/समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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