झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरी तरह से चुनावी मूड में आ गये हैं। इसका नजारा गढ़वा में आयोजित आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में देखने को मिली। गढ़वा के मेराल में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सीएम हेमंत ने गढ़वा के साथ लातेहार को योजनाओं की सौगात दी। सीएम ने कुल 748 योजनाओं का लाभ देने के साथ 11,97.62 करोड़ की परिसम्पत्तियों का वितरण भी किया। सीएम ने 2 लाख 22 हजार लाभुकों को योजनाओं का लाभ दिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अब तक की अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए केन्द्र की सरकार के साथ भाजपा पर खूब हमले लिये। सीएम ने भाजपा को गरीब विरोधी पार्टी बताते हुए यहां तक कहा कि उसके पास पूंजीपतियों को देने के लिए पैसे हैं, लेकन गरीबों के आंसू पोछने के लिए पैसा नहीं है। सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास तो हमारा पैसा देने के लिए भी पैसा नहीं है। सीएम ने कहा कि कोई बात नहीं, हम अपनी तकदीर खुद लिखेंगे। इस बार की लड़ाई गरीबों और अमीरों की पार्टी के बीच होगी और भाजपा पूरी ताकत लगा दे, हम यह लड़ाई भी जीत कर दिखायेंगे।
सीएम हेमंत अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने से नहीं चूके
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए कहा कि किस प्रकार उनकी सरकार बनते ही कोरोना आ गया, लेकिन उन्होंने दिन-रात एक करके लोगों की मदद की। उसके बाद झारखंड की स्थिति सुधारने में लग गये। गांव-गांव में अपने अधिकारियों को भेजा, गांव के लोगों की समस्याओं को जाना, फिर उसके अनुसार उनका समाधान भी करना शुरू किया। लोगों की मदद के लिए आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार लायी गयी और लोगों की जरूरतों के अनुसार उनकी मदद की जा रही है। हमारी सरकार शहरों से नहीं गांवों से चल रही है, इसलिए उसका लाभ भी लोगों को मिल रहा है।
आज राज्य में लोगों को पेंशन नहीं मिल रही थी। बुजुर्गों के सर्वजन योजना पेंशन का लाभ मिल रहा है। 18 साल से 49 साल की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना से जोड़ा गया। झारखंड की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की दूसरी किस्त दी जा रही है। हमने न सिर्फ 200 यूनिट बिजली बिल माफ किया, बल्कि इनका बकाया बिल भी माफ कर दिया। हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में हम हर परिवार को 1 लाख रुपया देने जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार दिन-रात काम कर रही है। हम किसानों से कह रहे हैं कि दूसरे राज्यों पर निर्भर होने के बजाय झारखंड की आत्मनिर्भर बनाइये।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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