मॉनसून सत्र से ठीक एक दिन पहले दो आदिवासी महिलाओं के साथ मणिपुर में की गयी बर्बरता का वीडियो जारी होने के बाद विपक्ष पर इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल तो उठ ही रहे हैं। अब एक नयी जानकारी छन कर सामने आ रही है, जिसमें यह दावा किया गया है कि मणिपुर के न्यूड वीडियो मामले राष्ट्रीय महिला आयोग को इस बारे में पहले से ही पता था। लेकिन जब इस मामले ने तूल पकड़ लिया तब आयोग सक्रिय हुआ। यह दावा किया गया है में एक मणिपुरी आदिवासी संगठन के द्वारा। संगठन ने दावा किया कि उसने राष्ट्रीय महिला आयोग को इस बारे में 12 को इस घटना के बारे में पत्र लिखा था। पत्र में कुकी समुदाय की महिला के साथ हुई हैवानियत के बारे में बताया गया था। लेकिन इसके बावजूद आयोग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी।जिस आदिवासी संगठन ने यह दावा किया है उसका नाम है- नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (नामटा)। इस संगठन में भारत और अमेरिका के कुकी एकेडमिक्स शामिल हैं।
ई-मेल में विस्तार से दी गयी थी जानकारी
नामटा के दावे के अनुसार, उसके द्वारा घटना के बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग को 37 दिन पहले ही कथित तौर पर ई-मेल लिखा गया था। लेकिन आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। नामटा के अनुसार, अपने ई-मेल में घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी।
क्या कहना है राष्ट्रीय महिला आयोग का?
राष्ट्रीय महिला आयोग का इस दावे पर प्रतिक्रिया देना यह बताता है कि उसे ई-मेल प्राप्त हुआ था। आयोग का कहना है कि कहना है कि उसे शिकायत मिली थी और उसने इसे मणिपुर के कैबिनेट सेक्रेट्री और डीजीपी को इसे फॉरवर्ड कर दिया था। इस बयान के मुताबिक एक अन्य शिकायत भारत के बाहर से भी मिली थी। जिसे 19 जून को ही कैबिनेट सेक्रेटरी को लिख दिया और जरूरी ऐक्शन लेने के लिए कहा था। हालांकि कमीशन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। नामटा द्वारा भेजे गए ई-मेल में 4 मई की घटना के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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