देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव की चर्चा तो खूब है, लेकिन अब एक नया शब्द सुनने में आ रहा है और केन्द्र सरकार इसको लेकर काफी गंभीर है। दरअल, केंद्र सरकार देश में ‘एक राष्ट्र एक समय’ को लागू करने जा रही है। सरकार इसे अनिवार्य बनाने के लिए गंभीर और नियमों का मसौदा तैयार करने जा रही है, मगर इससे पहले वह जनता की राय ले लेना चाह रही है। इसको लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 14 फरवरी तक जनता से प्रतिक्रिया मांगी है। बताया जा रहा है कि नियम को लागू होने के बाद सभी आधिकारिक और वाणिज्यिक प्लेटफार्मों को समय के संदर्भ के लिए IST का इस्तेमाल करना जरूरी हो जाएगा। प्रस्तावित नियमों में वाणिज्य, परिवहन, कानूनी अनुबंध, लोक प्रशासन और वित्तीय परिचालन जैसे क्षेत्रों में IST का उपयोग अनिवार्य हो जायेगा।
एक राष्ट्र एक नियम लागू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
केन्द्र सरकार दूरसंचार, बैंकिंग, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और 5जी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के बीच समय की सटीकता को तरजीह देना चाहती है। इसको एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के बयान से भी समझा जा सकता है। अधिकारी के अनुसार, “रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों के लिए नैनोसेकंड सटीकता के साथ सटीक समय जरूरी है। खगोल विज्ञान, नेविगेशन और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशेष क्षेत्रों के लिए अपवादों की अनुमति दी जाएगी, जिसके लिए पहले सरकारी मंजूरी लेनी होगी।”
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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