सोमवार को दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के बीच T20 World Cup Cricket का एक बेहद ही रोमांचकारी मैच खेला गया। बांग्लादेश यह मैच 4 रनों से हार गया। मैच में हार-जीत तो होती रहती है, लेकिन बांग्लादेश की यह हार ICC के विवादित नियम के कारण हुआ है। दरअसल, बांग्लादेश की पारी के 17वें ओवर में एक ऐसी घटना घटी, उस घटना के कारण बांग्लादेश को 4 रनों का जो नुकसान हुआ, वह मैच के अंतिम क्षणों में उसे ले डूबा।
बांग्लादेश की पारी का 17वां ओवर फेंका जा रहा था। सामने बल्लेबाज थे महमुद्दुल्लाह। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज ओटनील की गेंद पर महमुद्दुल्लाह के खिलाफ पगबाधा की अपील होती है, और अम्पायर उन्हें आउट दे देते हैं। गेंद महमुद्दुल्लाह के पैड पर लग कर सीमा रेखा के बाहर भी चली जाती है। बल्लेबाज के आउट ने के कारण टीम को कोई रन नहीं मिलता है। अम्पायर द्वारा आउट दिये जाने के फैसले के खिलाफ महमुद्दुल्लाह रिव्यू लेते हैं। रिव्यू में अम्पायर अपना फैसला बदल देते हैं, यानी महमुद्दुल्लाह नॉट आउट करार दिये जाते हैं। असल विवाद अब शुरू होता है, जब कोई बल्लेबाज नॉट आउट है तो फिर वह रन उसे क्यों नहीं दिया जा सकता, जो कि उसके नॉट आउट रहने की स्थिति में बना है। विवाद की वजह यह है कि ICC के नियम के अनुसार अगर किसी बल्लेबाज को अम्पायर पगबाधा आउट दे देता है तो गेंद स्वतः ही डेड हो जायेगी। यानी अगली गेंद फेंके जाने से पहले खेल की अन्य गतिविधि नहीं होगी।
सवाल तो कई हैं, लेकिन जवाब क्या?
सवाल तो यहां यह उठ रहा है कि जब बल्लेबाज आउट ही नहीं था, तब गेंद को डेड करने की नौबत ही क्यों आयी। आज की क्रिकेट में रिव्यू जैसा जब ऑप्शन मौजद है और मैदान पर खड़े अम्पायर का निर्णय अंतिम नहीं है तो फिर महमुद्दुल्लाह जैसे मामले में गेंद को पहले कैसे डेड किया जा सकता है? इसे आप इस तरह से भी देख सकते हैं। मैदान में कई बार रन आउट की स्थिति आति है। फिल्डर विकेट ब्रेक भी कर देता है, आपील भी हो जाती है, लेकिन गेंद के दूर छिटक जाने के बाद भी बल्लेबाज रन दौड़ते रहते हैं। इसके बाद अम्पायर रिव्यू लेकर उस गेंद पर क्या हुआ, उसका निर्णय लेता है। बल्लेबाज आउट है तो आउट होने के समय तक उसने जितने रन दौड़े होते हैं, टीम को उतने ही रन मिलते हैं। नॉट आउट रहने पर दौड़े गये पूरे रन टीम को मिलते हैं। ऐसा महमुद्दुल्लाह के केस में भी सम्भव था, लेकिन चूंकि ICC का नियम यहां कोई अतिरिक्त स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है, इसलिए बांग्लादेश जैसी स्थिति में टीमों को नुकसान उठाना पड़ता रहेगा।
आस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के बीच खेले गये मैच की एक घटना
कुछ साल हुए आस्ट्रेलिया में आस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के बीच मैच चल रहा था। एक गेंदबाज की गेंद नो बॉल होती है और बल्लेबाज की गिल्लियां बिखर जाती हैं, और गेंद बाउंड्री रेखा के बाहर चली जाती है। चूंकि गेंद नो बॉल थी, इसलिए बल्लेबाज नॉट आउट रहता है। स्कोर बोर्ड पर नो बॉल का एक रन बढ़ा दिया जाता है, क्योंकि तब तक अम्पायर ने सिर्फ नो बॉल का सिग्नल दिया था। तभी बल्लेबाज अम्पायर को ध्यान दिलाता है कि गेंद बाउंड्री के बाहर चली गयी तब अम्पायर नो बॉल के साथ चार रन का सिग्नल देता है और फिर स्कोर बोर्ड दुरुस्त किया जाता है।
यहां कहने का तात्पर्य यह है कि आउट रहने पर तो गेंद का डेड होना स्वाभाविक है, लेकिन वर्तमान समय में रिव्यू लिये जाने का जब ऑप्शन मौजूद है और मैदान पर खड़े अम्पायर का निर्णय अंतिम नहीं तब इस स्थिति में गेंद को डेड मानने को कुछ देर सस्पेंड रखा जाना चाहिए। क्योंकि रिव्यू के बाद भी उस गेंद की वास्तविक स्थिति का निर्धारण सम्भव है।
एक्सपर्ट भी कर रहे आलोचना
महमुदुल्लाह को आउट दिये जाने के बाद की स्थिति को लेकर क्रिकेट विशेषज्ञ भी हैरान है और अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है- महमुदुल्लाह को गलत तरीके से एलबीडब्लू आउट दिया गया, गेंद चार लेग बाय के लिए चली गई। डीआरएस पर निर्णय उलट गया। बांग्लादेश को 4 रन नहीं मिले क्योंकि एक बार बल्लेबाज को आउट दिए जाने के बाद भी गेंद मृत हो जाती है, भले ही वह गलत हो। और दक्षिण अफ्रीका ने खेल 4 रन से जीत लिया। बांग्लादेश के प्रशंसकों के लिए दुख की बात है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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