‘सुप्रीम’ फैसला! सीटेट पास अभ्यर्थी नहीं बन पायेंगे सहायक आचार्य, HC  का फैसला पलटा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि झारखंड में अब सहायक आचार्य की नियुक्ति में सीटेट अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को बदलते हुए यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पड़ोसी राज्यों के टेट पास भी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पायेंगे।

प्रार्थी की ओर से दायर याचिका पर बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 एवं सहायक प्राचार्य परीक्षा के विज्ञापन को हाई कोर्ट में चुनौती नहीं दी गयी थी। हाई कोर्ट में मामला आने के बाद कोर्ट के आदेश पर विज्ञापन में संशोधन किया गया था, जबकि विज्ञापन जारी होने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि परीक्षा नियमानुसार ली गयी है। अब सिर्फ परीक्षा का परिणाम आना शेष है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी की खंडपीठ फैसला सुनाते हुए फैसला सुनाया कि सहायक आचार्य परीक्षा में सीटेट के अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकते।

आखिर क्या है मामला?

सहायाक आचार्य परीक्षा को लेकर झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ द्वारा एक याचिका झारखंड हाई कोर्ट मे दायर की गयी थी। याचिका में कोर्ट से सीटेट पास अभ्यर्थियों और पड़ोसी राज्यों के टेट अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल करने की अपील की गयी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके बाद झारखंड टेट पास अभ्यर्थियों (परिमल तथा अन्य) ने हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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