International Literary Award : साल 2021 के साहित्य के प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार की दौड़ में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक Sunjeev Sahota का उपन्यास भी शामिल है। मंगलवार को जारी पुरस्कार के दावेदारों की लिस्ट में 13 लेखकों के नाम शामिल हैं।
लिस्ट में अंतिम छह में जगह बनाने वाली किताबों की घोषणा 14 सितंबर को की जाएगी और विजेता का ऐलान 3 नवंबर को लंदन में होगा। जजों के पैनल की अध्यक्ष और इतिहासकार माया जैसनॉफ ने कहा कि सभी किताबें पाठकों को अनसुनी कहानियों से बांधे रखती हैं। इन किताबों में छोटे और एकांत से साइबरस्पेस के विस्तार तक समुदाय के स्वभाव के बारे में कहने के लिए काफी महत्वपूर्ण बातें हैं।
ये हैं बुकर 2021 के प्रमुख दावेदार
{अनुक अरुद्रप्रगसम (ए पैसेज नॉर्थ), {रशेल कस्क (सेकंड प्लेस), {डैमन गलगुट (द प्रॉमिस), {नाथन हैरिस (द स्वीटनेस ऑफ वाटर), {काजुओ इशिगुरो (क्लारा एंड द सन), {कारेन जेनिंग्स (एन आइलैंड), {मैरी लॉसन (ए टाउन काल्ड सोलेस), {पैट्रिशिया लॉकवुड (नो वन इस टाकिंग अबाउट दिज़), {नदीफा मोहम्मद (द फॉर्चून मैन), {रिचर्ड पावर्स (बिवाइल्डरमेंट), {संजीव सहोता (चाइना रूम), {मैगी शिपस्टेड (ग्रेट सर्कल) और {फ्रांसिस स्पफर्ड (लाइट परपेचुअल)।

2015 में भी नामित हुआ सहोता का उपन्यास ‘द ईयर ऑफर रनअवेज’
संजीव सहोता काल्पनिक कथा की श्रेणी में उपन्यास ‘चाइना रूम’ के लिए नामित हुए हैं। जजों ने उनकी कृति की प्रशंसा करते हुए उसे प्रवासियों के अनुभव पर लाजवाब कृति बताया है। इस पीड़ा को बेहद सुलझे तरीके से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचते हुए दिखाया गया है।
सहोता ने बड़ी सहजता से इस बोझिल विषय को भी प्रेम, उम्मीद और खुशी से भर दिया है। 40 वर्षीय संजीव के दादा-दादी 1960 में पंजाब से ब्रिटेन आ गये थे। 2015 में भी सहोता के उपन्यास ‘द ईयर ऑफ रनअवेज’ को बुकर पुरस्कार के लिए नामित किया जा चुका है।
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