Nitish Kumar Bihar News : क्या आपने सुना, बिहार के नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल में सदन के अंदर क्या कहा? ऐसा कहते हुए दूसरों से पहले खुद नीतीश कुमार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए था। आप इतने दिनों से नीतीश कुमार का प्रवचन सुन रहे हैं, कितनी आदर्श की बातें कर रहे हैं, कि देश को बता रहे हैं कि देश को मोदी की नहीं, उनके जैसों की जरूरत है। इनके आने से देश में राम राज्य आ जायेगा। राम की मर्यादा तो छोड़िया रावण की मर्यादा को भी पीछे छोड़ दिया। वह भी कहां, संसद में जिसे लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। उनकी अमर्यादित टिप्पणी से सबसे ज्यादा आहत महिलाएं हुई है, क्योंकि उनकी टिप्पणी महिलाओं के ही खिलाफ थी, उस महिला जाति के खिलाफ जिसके बारे में भारत में कहा जाता है- यस्तु नार्यस्तु पूजयंते रमन्ते तत्र देवताः। नारी की पूजा नहीं करने वाले के लिए किसी भी संज्ञा का प्रयोग किया जाये वह तुच्छ ही होगा।
बिहार के सदन में बात जनसंख्या नियंत्रण की चल रही थी। बिहार के मुख्यमंत्री जनसंख्या नियंत्रण का कारण बता रहे थे और इसके लिए उन्होंने पुरुषों को जिम्मेदार बताया। पुरुष क्यों जिम्मेदार हैं। फिर उन्होंने उसको समझाने को लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया वे मर्यादा लांघने वाले शब्द थे। थोड़ी देर के लिए यह मान भी लिया जाये की नीतीश कुमार की मंशा गलत नहीं थी। वह जो भी कहना चाह रहे थे, वजह वही हो सकी है। लेकिन उसके लिए शब्दों का चयन भी तो होना चाहिए। बच्चे भी घरों में ऐसे-ऐसे प्रश्न पूछ देते हैं जिन्हें सुनकर मां-बाप भी पसोपेश में पड़ जाते हैं, लेकिन जवाब तो उस तरह नहीं देते जैसा कि नीतीश कुमार ने दिया है।
विधानसभाध्यक्ष क्यों रह गये मौन?
बता दें कि बिहार की विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन को ‘सेक्स ज्ञान’ दे रहे थे, सदन में बैठी महिलाएं तो झेंप गईं। लेकिन सदन में कई विधायक मुंह दबाकर हंसते हुए नजर आये। लगा कि हम महाभारत काल में पहुंच गये जहां भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा है और सारे सभासद मौन तमाशा देख रहे हैं। वहां सभा में एक धृतराष्ट्र थे तो यहां सदन में वैसी ही स्थित में ‘मौन स्वीकृति’ देने वाले विधानसभाध्यक्ष थे। जिन्होंने नीतीश कुमार को टोकने की कोशिश तक नहीं की। नीतीश के बयान के बाद भाजपा नेताओं ने हंगामा किया।
नीतीश के बयान पर राबड़ी भी हो गयीं असहज
मुख्यमंत्री जब बयान दे रहे थे तब असहज दिख रही थीं राबड़ी देवी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब सदन में महिलाओं पर बोल रहे तब विधान परिषद् में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी मौजूद थी। मुख्यमंत्री के व्यावहारिक ज्ञान से सभा स्तब्ध थी। राबड़ी देवी भी काफी असहज दिखीं। उस समय करीब 6 महिला सदस्य सदन में मौजूद थी जिनके लिए शर्मनाक स्थिति उत्पन्न हो गई थी।. इतना ही नहीं कई माननीय भी एक-दूसरे से नजरें चुराते नजर आए।
कर्नाटक के कांग्रेस नेता रमेश तो मर्यादा ही लांघ गये थे!
हर वर्ष 16 दिसम्बर को निर्भया बलात्कार की घटना की बरसी होती है। ऐसे ही मौके पर 2021 में 17 दिसम्बर को कर्नाटक विधानसभा में वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर एक फूहड़ संवाद हुआ। संवाद भी ऐसा कि मानव जाति अपमानित हो जाए। कांग्रेस नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने एक कहावत का हवाला देते हुए ‘चेयर’ को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘जब रेप होना ही है तो लेट जाओ और मजे लो।’ यह बयान जितना घिनौना था उससे कहीं अधिक घिनौनी वह सोच है जो उस नेता ने दी थी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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