झारखंड हाई कोर्ट राज्य के संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर सुनवाई कर रहा है, लेकिन राजनीति भी साथ-साथ चल रही है। हाई कोर्ट ने घुसपैठ को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए शुक्रवार को मामले में सुनवाई पूरी कर ली है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिक गयी हैं कि कोर्ट फैसला क्या सुनाता है। लेकिन कोर्ट में सुनवी के साथ-साथ राजनीतिक भी देखने को मिली।
बता दें कि संताल में बांग्लादेशी घसुपैठ को लेकर डैनियल दानिश की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है। हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। मामले में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जोरदार तरीके से अपना-अपना पक्ष रखा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केन्द्र सरकार के पक्ष में क्या कहा?
याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केन्द्र सरकार का पक्ष रखा। तुषार मेहता ने बताया कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन को लेकर राज्य के मुख्य सचिव और केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव की 30 सितंबर को एक मीटिंग होनी है। इसमें घुसपैठियों को कैसे चिह्नित किया जाए, इसपर मंथन होगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा डाटा के सम्बंध में कहा कि जनगणना को आधार बनाकर डाटा दिया जा चुका है।
झारखंड सरकार का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने क्या कहा?
झारखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यह जनहित याचिका है ही नहीं। यह भाजपा का एक राजनीतिक स्टैंड है। भाजपा के सारे नेता इसको अपना मुद्दा बनाये हुए हैं। इसलिए जनहित याचिका के जरिए कोर्ट में मामला लाया गया है। कपिल सिब्बल ने कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया कि केन्द्र ने घुसपैठ को लेकर किसी तरह का डाटा भी नहीं पेश किया है। इस तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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